एक अनोखा मंच है “विद्या दान”

29 Sep 2017

आपने देखा होगा कि अपनी अगली पीढ़ी के भविष्य के लिए हम सभी अक्सर चिंता जताते हैं, कभी स्कूलों को लेकर तो कभी समाज को लेकर, कभी किसी आयोजन में तो कभी परिवार के बीच या कभी चौराहों पर। आप जो ठीक या ज़रूरी समझते हैं यानी जिस ज्ञान, विद्या या कला को अगली पीढ़ी को सौंपना चाहते हैं, उसके लिए एक अनोखा मंच है विद्या दान

जी हाँ, हम बात कर रहे हैं वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और इंदौर के संभागायुक्त के नेतृत्त्व में संचालित  विद्या दान अभियान के बारे में. इस अभियान का उद्देश्य है बच्चों को उनके हिस्से का ज्ञान हर हाल में मिले. यह महज इत्तेफाक की बात है कि आप और हम कुछ सुविधाओं के प्राप्त होने पर अच्छे स्कूलों और संस्थाओं में पढ़े. लेकिन यह सौभाग्य देश के हर बच्चे को प्राप्त नहीं है. आइए हम सब मिलकर उन बच्चों के ज्ञान प्राप्त करने के अधिकार का संरक्षण करें. वे सभी नागरिक जो बच्चों को अपनी ओर से विद्या दान करना चाहते हैं उन्हें कम से कम छः माह के लिए दो घंटे प्रति सप्ताह का आश्वासन देना होगा. इस प्रकार वे अपने द्वारा निश्चित दिन और समय पर अपने द्वारा चयनित स्कूल में अपनी सेवाए दे सकते हैं.

विद्यादान अभियान की पहल पर अब तक 2455 शिक्षा वालंटियर्स द्वारा तक़रीबन 1.43 लाख घंटे अपनी सेवाएं स्कूलों में दी गयी हैं. इससे करीब 12540 छात्र लाभान्वित हुए हैं. इनके योगदान की सभी ओर सराहना हो रही है, यह अपने तरह का एक अनोखा प्रयास है जो सिर्फ इंदौर संभाग में ही संचालित किया जा रहा है. शिक्षा वालंटियर सुश्री श्रद्धा कहती हैं की इस अवसर न सिर्फ हमें बच्चों से सीधे जुड़ने का अवसर प्रदान करता है वहीँ दूसरी ओर हमें आत्मिक संतुष्टि भी देता है. वालंटियर श्री गुप्ता कहते हैं – मैं पूरे जीवन बच्चों को केमिस्ट्री पढ़ाता  रहा, लेकिन सेवानिवृत होने के बाद भी मैं इन बच्चों से निरंतर जुड़ा हुआ हूँ, इस माध्यम से मुझे सेवा निवृत्ति के बाद इस अवसर के रूप में दूसरा जीवन मिला है. मैं इसके लिए उन बच्चों और विद्यादान अभियान का आभार व्यक्त करता हूँ.

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