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हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल ने प्रदेशवासियों की मांगों के अनुरूप ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। 25 जून को मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में पीटीए, पैट और पैरा टीचर्स की सेवाओं को नियमित करने को सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई। इससे विभिन्न सरकारी विद्यालयों में कार्यरत लगभग 6500 पीटीए, 3300 पैट और 97 पैरा टीचर लाभान्वित होंगे।
कोरोना संकट से प्रभावित हुए पर्यटन उद्योग को किया जाएगा सुदृढ़
कोविड-19 महामारी के कारण प्रभावित हुए पर्यटन उद्योग के पुनर्जीवित करने के लिए कार्यशील पूंजी पर दिए जाने वाले ऋण पर ब्याज की छूट के लिए योजना प्रारूप को मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई। योजना के तहत 31 मार्च, 2020 तक एक करोड़ रुपये का जीएसटी चुकाने वाली पर्यटन इकाइयां 50 लाख रुपये तक के अधिकतम ऋण के लिए पात्र होंगी। इस अवधि तक कम से कम एक वर्ष तक एक करोड़ रुपये से तीन करोड़ रुपये तक जीएसटी चुकाने वाली पर्यटन इकाइयां 75 लाख रुपये तक ऋण लेने और तीन करोड़ रुपये से अधिक जीएसटी देने वाली पर्यटन इकाइयां एक करोड़ रुपये तक ऋण लेने तक पात्र होंगी। इसी प्रकार छोटी पंजीकृत पर्यटन इकाइयां 15 लाख रुपये तक के ऋण के लिए पात्र होंगी। ऋण अवधि चार वर्षों के लिए होगी जिसमें पहले दो वर्षों तक ब्याज में हर वर्ष 50 प्रतिशत छूट होगी। मंत्रिमंडल ने पर्यटन विभाग की तर्ज पर परिवहन विभाग में भी कार्यशील पूंजी के लिए ब्याज में छूट के लिए योजना लाने का भी निर्णय लिया।
सेब समर्थन मूल्य में होगी बढ़ोतरी
हिमाचल मंत्रिमंडल बैठक में वर्ष 2020 के लिए मंडी मध्यस्थता योजना के अंतर्गत सेब समर्थन मूल्य में 50 पैसे की वृद्धि कर आठ रुपये से 8 रुपये 50 पैसे प्रति किलो करने का निर्णय लिया गया। योजना के अंतर्गत 20 जुलाई से 15 नवंबर, 2020 तक 1.50 लाख मीट्रिक टन सेब की खरीद की जाएगी जिसके लिए सेब उत्पादकों की मांग के आधार पर राज्य के विभिन्न भागों में 283 क्रय केंद्र खोले जाएंगे। मंत्रिमंडल ने किसानों की आय को दोगुना करने के लिए आरम्भ की गई नई योजना ‘‘महक’’ के अंतर्गत सुगंधित पौधों तथा उनके प्रसंस्करण को प्रोत्साहित करने के लिए सहायता देने के दिशानिर्देशों को भी स्वीकृति प्रदान की।
इन फलों के मिलेंगे उचित दाम
प्रदेश मंत्रिमंडल ने 1 जुलाई से 31 अगस्त, 2020 तक मंडी मध्यस्थता योजना के तहत अंकुरित आम, अचारी आम और कलमी आम को 8 रुपये 50 पैसे प्रति किलो की दर से क्रय को भी स्वीकृति प्रदान की। इसी प्रकार, बी ग्रेड किन्नु, माल्टा और संतरे के समर्थन मूल्य को 7 रुपये 50 पैसे प्रति किलो तथा सी ग्रेड किन्नु, माल्टा और संतरे के समर्थन मूल्य को सात रुपये प्रति किलो करने की स्वीकृति प्रदान की गई। मंडी मध्यस्थता योजना के तहत गलगल का क्रय मूल्य छह रुपये प्रति किलो निर्धारित किया गया है। यह योजना 21 नवंबर, 2020 से 15 फरवरी, 2021 के मध्य संचालित होगी। फल उत्पादकों को समर्थन मूल्य से उनके पारिश्रमिक का उचित मूल्य सुनिश्चित होगा।
रोजगार के प्राप्त होंगे नए अवसर
हिमाचल मंत्रिमंडल बैठक में शिक्षा विभाग में हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग, हमीरपुर के माध्यम से अनुबंध आधार पर जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (आईटी) के 500 पदों को भरने को मंजूरी प्रदान की गई। हिमाचल प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग में विभिन्न श्रेणियों के 42 पदों के सृजन तथा इन पदों को भरने की स्वीकृति प्रदान की गई है। मंडी जिला के सरकाघाट में नवगठित अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश न्यायालय के सुचारू संचालन के लिए विभिन्न श्रेणियों के चार पदों के सृजन तथा भरने को स्वीकृति प्रदान की गई है। मंत्रिमंडल ने राज्य के जनजातीय और दुर्गम क्षेत्र जो भारी बर्फबारी के कारण चार से सात महीनों तक शेष क्षेत्रों से कट जाते हैं, उनमें लोगों की सुविधा के लिए आवश्यक वस्तुओं तथा खाद्यान्न आपूर्ति के लिए वर्तमान निविदाओं को वर्ष 2020-21 के लिए मौजूदा दरों और शर्तों पर विस्तार देने का निर्णय लिया है।
चंबा के लेच में खुलेगा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
चम्बा जिले की ग्राम पंचायत लेच में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने तथा विभिन्न श्रेणियों के तीन पदों को सृजित करने को मंजूरी प्रदान की गई है। मंत्रिमंडल ने हृदय रोगियों को बेहतर देखभाल सुविधाएं प्रदान करने के दृष्टिगत डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज, टांडा में सीटीवीएस विभाग में परफ्यूजनिस्ट के दो पदों के सृजन को स्वीकृति प्रदान की। मंडी जिला की चच्योट तहसील की बाधु में फलों पर आधारित वाइनरी स्थापित करने के लिए मैसर्ज हिल्लथ्रिल ऐग्रो प्रोसेसर्ज प्राईवेट लिमिटेड को आशय पत्र जारी करने के लिए स्वीकृति दी गई है। मंत्रिमंडल ने जिला सोलन के कांदला गांव में 65.39 करोड़ रुपये के निवेश से बनने वाली डिस्टिलरी इकाई की स्थापना के लिए मैसर्ज ऐल्को ब्रियू डिस्टिलरीज इंडिया प्राईवेट लिमिटेड को भी आशय पत्र जारी करने का निर्णय लिया।
युद्ध जागीर की पुरस्कार राशि में की वृद्धि
हिमाचल मंत्रिमंडल द्वारा वार वेटर्नस के परिवारों के लिए युद्ध जागीर की पुरस्कार राशि को 5000 रुपये से बढ़ाकर 7000 रुपये करने का निर्णय लिया गया है। इसके अतिरिक्त ऊना जिले के डेरा बाबा रूद्रु (बसाल) में लोक निर्माण विभाग के नए उपमंडल के सुचारू संचालन के लिए विभिन्न श्रेणियों के सात पदों के सृजन व भरने को स्वीकृति प्रदान की गई है। मंत्रिमंडल ने मंडी जिले में परियोजना कार्यान्वयन इकाई उप-मंडल धनोटू को लोक निर्माण विभाग (भवन और सड़क) के उप-मंडल में परिवर्तित करने तथा विभिन्न श्रेणियों के चार पदों के सृजन करने का भी निर्णय लिया। बैठक में सोलन जिले के राजकीय माध्यमिक विद्यालय भुड को राजकीय उच्च विद्यालय और राजकीय उच्च विद्यालय रामपुर को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के रूप में स्तरोन्नत करने के साथ-साथ विभिन्न श्रेणियों के 10 पदों के सृजन तथा इन्हें भरने को स्वीकृति दी गई।
किसानों की सहूलियत के लिए लिया ये निर्णय
राज्य के किसानों की सुविधा के लिए मंत्रिमंडल ने वर्ष 2020-21 में बांस और स्टील की स्थायी संरचना की स्थापना के लिए कृषि उत्पाद संरक्षण (एंटी हेलनेट) योजना के अंतर्गत सभी श्रेणी के किसानों को 50 प्रतिशत सहायता प्रदान करने का भी निर्णय लिया गया है। हिमाचल मंत्रिमंडल ने ऊना जिला के हरोली विधानसभा क्षेत्र के केलुआ में प्राथमिक विद्यालय खोलने का निर्णय लिया ताकि क्षेत्र के विद्यार्थी लाभान्वित हो सकें। मंत्रिमंडल ने आबकारी एवं कराधान विभाग की एचपी वैट-आईटी परियोजना के कार्यान्वयन के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य इलैक्ट्राॅनिक्स विकास निगम द्वारा नए सिस्टम इंटेग्रेटिड के चयन की निविदा प्रक्रिया को अंतिम रूप देने तक मैसर्ज टाटा कंसल्टेंसी सर्विसिज की अनुबन्ध अवधि को 1 मई, 2020 से 31 अक्तूबर, 2020 तक छह माह तक बढ़ाने का भी निर्णय लिया। मंत्रिमंडल ने राज्य में मादक पदार्थों की तस्करी और नशीली दवाओं की बुराई से निपटने के लिए आबकारी एवं कराधान विभाग के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश नशा निवारण बोर्ड में संयोजक-एवं-सलाहकार का एक पद सृजित करने को अनुमति प्रदान की।
बिजली उपभोक्ताओं को प्रदान किए जाने वाले उपदान का युक्तिकरण
हिमाचल सरकार ने राज्य के बिजली उपभोक्ताओं को प्रदान किए जाने वाले उपदान के युक्तिकरण का निर्णय लिया है। प्रदेश सरकार प्रतिवर्ष लगभग 450 करोड़ रुपये का उपदान प्रदान किया जाता है, जिसमें से 18 प्रतिशत उपदान केवल ऐसे 11 लाख उपभोक्ताओं को प्रदान किया जाता है, जो 125 यूनिट प्रतिमाह से कम बिजली की खपत करते हैं। शेष नौ लाख ऐसे उपभोक्ताओं को प्रदान किया जाता है, जो 125 यूनिट प्रतिमाह से अधिक बिजली की खपत करते हैं। सभी उपभोक्ताओं को प्रदान किए जाने वाले उपदान के युक्तिकरण के लिए सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि ऐसे उपभोक्ता जो बिजली की कम खपत करते हैं, उनके मासिक बिलों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। 11 लाख ऐसे उपभोक्ता जो 125 यूनिट प्रतिमाह से कम बिजली की खपत करते हैं, उनके उपदान स्वरूप को नहीं बदला गया है। ऐसे लगभग चार लाख उपभोक्ता जो 125 से 200 यूनिट प्रतिमाह बिजली की खपत करते हैं, उनके मासिक बिल 40 से 113 रुपये तक बढ़ेंगे। शेष उपभोक्ताओं को बिजली की खपत के अनुसार ही मासिक बिलों का भुगतान करना होगा।
यहां यह बताना आवश्यक है कि पंजाब और उत्तराखंड में 125 से 300 यूनिट प्रतिमाह बिजली की खपत करने वाले उपभोक्ता 6.59 रुपये तथा 3.27 रुपये प्रति यूनिट दर से भुगतान करते हैं, जबकि हिमाचल प्रदेश में यह दर 2.62 रुपये है। 300 यूनिट प्रतिमाह से अधिक बिजली की खपत कर रहे पंजाब, उत्तराखंड, हरियाणा और दिल्ली के उपभोक्ता औसतन क्रमशः 7.06 रुपये, 5.90 रुपये, 5.72 रुपये तथा 6.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से भुगतान करते हैं, जबकि हिमाचल प्रदेश में यह दर केवल 3.93 रुपये प्रति यूनिट है। युक्तिकरण के बाद भी प्रदेश में पड़ोसी राज्यों की तुलना में वसूली जाने वाली बिजली की दरें कम है, यह औसतन 3.36 प्रति यूनिट है। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है, ताकि अनुदान का सापेक्ष लाभ कम विद्युत खपत करने वाले अधिक उपभोक्ताओं को मिल सके तथा अन्य उपभोक्ताओं को विद्युत का उचित उपयोग करना चाहिए। इस कदम से सरकार की वार्षिक सौ करोड़ रुपये की बचत होगी, जिसका बेहतर उपयोग लोगों के कल्याण के लिए किया जा सकेगा।
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