बालिका शिक्षा

08 Aug 2014

बालिका शिक्षा नरेंद्र मोदी सरकार के एजेंडे की सर्वोच्च प्राथमिकता है। यह प्रधानमंत्री के दिल के बहुत करीब है। वर्तमान साक्षरता दर में सुधार लाने के लिए गंभीर प्रयास की आवश्यकता है और इसे शुरू करने का इससे बेहतर तरीका क्या हो सकता है कि हम देश के लोगों से ही उनके विचार और सुझाव लेकर इस दिशा में कदम बढ़ाएं।

देश में बालिका शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए विचार-विमर्श एवं चर्चा करने के उद्देश्य के साथ, चाहे इससे संबंधी सुविधाएँ हो या आर्थिक सहायता, मेरी सरकार (माय गोव) का ‘बालिका शिक्षा’ समूह आवश्यक विचार-विमर्श के लिए एक मंच प्रदान करता है।

इस समूह का उद्देश्य एक नीतिगत ढांचा तैयार करना और अनेक सुझाव प्राप्त करना है जिससे छात्राओं में शिक्षा को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी और उन्हें आजीविका के अवसर प्रदान किये जा सकेंगे।

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सक्रिय रूप से चर्चा में भाग ले रहे सदस्य बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए पीपीपी मॉडल और समुदाय की भागीदारी का उपयोग करने संबंधी विभिन्न सुझाव दे रहे हैं। लोग स्कूलों की गुणवत्ता की जांच न होने से अत्यंत निराश हैं, इसलिए ज्यादातर सदस्यों ने शिक्षा की गुणवत्ता की जाँच के लिए उचित तरीके को अपनाये जाने का सुझाव दिया था। सबसे अधिक बार यह सुझाव दिया गया कि सरकार बालिका शिक्षा के लिए राशि प्रदान कर सकती है, निजी संस्थान कार्यक्रम का प्रबंधन कर सकते हैं और समुदाय बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं। यह सुझाव भी दिया गया था कि कैग निजी संस्थानों की जांच करे ताकि पैसों का दुरुपयोग न हो।

बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए यह सुझाव भी दिया गया कि हर 5 किमी पर एक उच्च माध्यमिक शिक्षा प्रदान करने वाला विद्यालय खोला जाए। सभी ने शिक्षा के लिए उचित माहौल बनाने की जरूरत पर जोर दिया है। कई सदस्य चाहते हैं कि बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए जनक शिक्षक संघ को अत्यंत मजबूत बनाया जाए। सदस्यों ने समुदायों द्वारा उपलब्ध कराए गए अच्छे शिक्षकों और विद्यालयों के प्रयासों को पहचानने की जरूरत पर बल दिया है। कई सदस्यों ने इस बात पर भी बल दिया कि ऐसा माहौल बनाया जाए जहाँ लड़कियां डॉक्टर या इंजीनियर बनने का सपना देख सकें।

सभी लड़कियों के स्कूलों में दाखिला नहीं लेने की वजह मध्यान्ह भोजन की ख़राब स्थिति बताई गई थी। अधिकांश सदस्यों ने इस योजना के पुनर्नवीकरण पर जोर दिया। कुछ सदस्यों का सुझाव था कि छात्राओं की मदद के लिए टोल फ्री छात्र हेल्पलाइन शुरू की जाए या इससे संबंधित एक वेबसाइट और टीवी चैनल बनाया जाए। सदस्यों का जोर विद्यालयों की संख्या बढ़ाने और शिक्षक-छात्र अनुपात को कम करने पर भी था।

एक बहुत ही सरल समाधान यह निकाला गया कि प्रत्येक गांव में एक विभाग की स्थापना की जानी चाहिए। विभाग स्कूल जाने वाली लड़कियों की संख्या और उनकी परेशानियों से संबंधित सभी विवरण रखने के लिए जिम्मेदार होगा। विभाग छात्राओं की परेशानियों को भी हल करेगा एवं यह भी सुनिश्चित करेगा कि बीच में विद्यालय छोड़ने वाले छात्रों की दर में कमी लाई जाए। एक अन्य सरल समाधान यह था कि एकल विद्यालय खोला जाए जहाँ शिक्षित ग्रामीण अपने घरों के आसपास के क्षेत्र में छात्राओं को शिक्षा प्रदान कर सकें।

कई सदस्यों यह मानते है कि अंततः माता-पिता बालिकाओं की शिक्षा में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं; अतः यह महत्वपूर्ण है कि बालिका शिक्षा के महत्व के बारे में पहले माता-पिता को बताया जाए। कई सदस्यों ने ग्रामीण भारत के स्कूलों में उचित बुनियादी ढांचे और पहुंच की आवश्यकता पर बल दिया। इसके अलावा स्कूलों में उचित स्वच्छता सुविधाओं की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया। कुछ सदस्यों ने लघु फिल्मों के माध्यम से भी बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया और कुछ ने ग्राम पंचायतों को लड़कियों की शिक्षा सुनिश्चित करने का दायित्व सौंपे जाने का सुझाव दिया।

लड़कियों को उच्च शिक्षा उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर बल देते हुए कई सदस्यों ने प्रत्येक तालुका में एक कॉलेज खोले जाने का सुझाव दिया। इसके पीछे उनका मत यह था कि कॉलेज ख़त्म होने के बाद माता-पिता बारहवीं कक्षा के बाद अपनी लड़कियों पर पढ़ाई छोड़ने का दवाब नहीं बना सकेंगे। कई सुझाव इस पर भी आए कि माता-पिता को कैसे यह समझाया जाए कि वे अपनी बेटियों को शिक्षित करने पर ज्यादा जोर दें न कि किशोरावस्था में ही उनकी शादी करने पर। उन्हें यह समझाया जा सके कि उनकी लड़कियां उनके लिए आर्थिक बोझ स्वरुप नहीं हैं। कई सदस्यों ने महिलाओं की सुरक्षा के महत्व पर भी बल दिया क्यों कि अगर लड़कियां सुरक्षित नहीं होंगी तो उन्हें शिक्षित करने के लिए माता-पिता को समझाना बहुत मुश्किल हो जाएगा।

अपनी राय देने और 25,000 से अधिक सदस्यों वाले इस मजबूत दल का हिस्सा बनने के लिए मेरी सरकार (माय गोव) साइट पर पंजीकरण कराएँ एवं इस कार्य में सहभागी बनें। आप दिए गए चार कार्यों में से किसी एक कार्य में हिस्सा ले सकते हैं एवं अपनी राय से हमें अवगत करा सकते हैं।

आप साइन इन कर इस समूह में शामिल हो सकते हैं!!

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कुल टिप्पणियां - 72

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  • rupesh vishwakarma - 8 years ago

    परिवार जो हमारे समाज की परम्परा,संस्कृति,व जिवान्सेली को अक्शुन्य बनाए रखने की महत्वपूर्ण संस्था है|बालिका भविष्य मे इसी परिवार रूपी संस्था की हेड [मुख्य]बनती है इसलिए उसकी शिक्षा मे आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ पारिवारिक जिम्मेदारी की शिक्षा को जोड़ना चाहिय|