माइगोव के जरिए नागरिकों के विचारों का आईआईएम अधिनियम 2017 में समावेश

12 Jan 2018

मानव संसाधन और विकास मंत्रालय ने सार्वजनिक चर्चा के माध्यम से माई गॉव प्लेटफॉर्म पर नागरिकों से आईआईएम विधेयक 2015 पर विचारों को आमंत्रित किया था। इन प्रतिक्रियाओं में से कई अहम विचारों/ सुझावों को आईआईएम अधिनियम 2017 में शामिल किया गया है या कहें उसमें परिलक्षित हुआ है। इसके तहत आईआईएम को अधिक स्वायत्तता और सशक्तिकरण देने के साथ साथ छात्रों को डिप्लोमा के बजाय डिग्री देना प्रमुख है ।

मायगोव उन सभी नागरिकों के विचारों/ सुझावों को स्वीकार करता है जिन्होंने वैश्विक उत्कृष्टता के स्तर को प्राप्त करने के लिए इस चर्चा में अपने महत्वपूर्ण विचारों व सुझावों का योगदान दिया है।

सुझाव 1

1.आईआईएम के सभी पीजीपी छात्र, पूर्व छात्र और उम्मीदवार चाहते हैं कि प्रबंधन में 2 साल के स्नातकोत्तर कार्यक्रम (पीजीपी) को पूर्णकालिक एमबीए डिग्री दी जानी चाहिए जो कि आईआईएम द्वारा दिए जाने वाले प्रमुख, सबसे पुराना, सबसे प्रतिष्ठित कार्यक्रम है। यह ब्रांड आईआईएम को वैश्विक स्तर पर और मजबूत करेगा और वास्तव में मेक इन इंडिया को सफल बनाने में मदद करेगा।

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आईआईएम अधिनियम 2017

आईआईएम डिग्री प्रदान करने की शक्ति के साथ ही एक राष्ट्रीय महत्व के संस्थान बन जाएगा।

 

 

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