ई – हस्ताक्षर सेवाएं
इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर करने के लिए, हस्ताक्षरकर्ता को सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम, 2000 के तहत प्रमाण पत्र प्राधिकरण (सीसीए) के नियंत्रक द्वारा प्रमाणन प्राधिकरण (सीए) से एक डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाण पत्र (डीएससी) प्राप्त करना आवश्यक है। प्रमाणन प्राधिकरण द्वारा डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाण पत्र जारी करने से पहले हस्ताक्षरकर्ता की पहचान और उसके पते का सत्यापन किया जाना चाहिए। इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर बनाने के लिए इस्तेमाल प्राइवेट-की हार्डवेयर क्रिप्टोग्राफिक टोकन में संग्रहित है जिसे पासवर्ड/पिन के द्वारा सुरक्षित किया गया है। व्यक्ति की भौतिक उपस्थिति, कागज दस्तावेज़ आधारित पहचान, पते का सत्यापन और हार्डवेयर क्रिप्टोग्राफिक टोकन जारी करने की यह मौजूदा शैली एक अरब से अधिक जनसंख्या के लिए उपयुक्त नहीं है। पूर्ण रुप से कागज रहित नागरिक सेवाओं के लिए, डिजिटल हस्ताक्षर को बड़े पैमाने पर अपनाना आवश्यक है।
भारत सरकार ने इन खामियों को दूर करने के लिए इलेक्ट्रानिकी एंव सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, संचार एंव सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के माध्यम से सभी को ऑनलाइन सेवा का उपयोग करने की सुविधा प्रदान की है, जिसमें सभी नागरिकों को डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने की अनुमति है।
ई-हस्ताक्षर क्या है?
ई-हस्ताक्षर, आधार धारक द्वारा ऑनलाइन सेवा का उपयोग कर दस्तावेजों पर डिजिटल रूप से हस्ताक्षर करने की सुविधा है। ई-हस्ताक्षर को आधार ई-केवाईसी सेवा के माध्यम से हस्ताक्षरकर्ता के प्रमाणीकरण का उपयोग कर डिजिटल हस्ताक्षर को लागू करने के लिए बनाया गया है। यह एक एकीकृत सेवा है, जो डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाण पत्र जारी करने और आधार धारक का प्रमाणीकरण के अनुरोध के डेटा पर हस्ताक्षर करने की सुविधा प्रदान करती है। ई- हस्ताक्षर सेवा का लाभ उठाने के लिए उपयोगता के पास आधार होना अनिवार्य है।
ई- हस्ताक्षर द्वारा किस प्रकार से लाभ होने की उम्मीद है?
डिजिटल रूप से हस्ताक्षर कहीं भी, कभी भी जानकारी प्राप्त करने के लिए आसान और सुरक्षित- ई- हस्ताक्षर एक ऑनलाइन सेवा है, जो आवेदन सेवा प्रदाताओं तथा हस्ताक्षरकर्ताओं को प्रमाणित और आधार ई-केवाईसी सेवा का उपयोग कर दस्तावेजों की डिजिटल हस्ताक्षर प्रदर्शन करने की कार्यक्षमता प्रदान करता है। इसके इस्तेमाल के लिए हार्डवेयर टोकन का प्रयोग आवश्यक नहीं हैं।
कानूनी तौर पर वैध हस्ताक्षर की सुविधा –ई- हस्ताक्षर प्रक्रिया में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम, 2000 के प्रावधानों के अनुसार उपभोक्ता सहमति, डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्र जनरेशन, डिजिटल हस्ताक्षर सृजन तथा संयोजित और डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्र स्वीकृति शामिल है। ई- हस्ताक्षर, एपीआई विनिर्देश और एपीआई लाइसेंस मॉडल के माध्यम से अनुपालन लागू करता है। व्यापक डिजिटल लेखापरीक्षा में निर्मित लेनदेन की वैधता की पुष्टि करने के लिए संरक्षित है।
लागू करने में आसान –ई – हस्ताक्षर, आधार ई-केवाईसी सेवा के साथ विन्यास प्रमाणीकरण का विकल्प प्रदान करता है तथा आधार संख्या का रिकॉर्ड भी रखता है जिसका प्रयोग हस्ताक्षरकर्ता की पहचान सत्यापित करने के लिए किया जाता है। ई-केवाईसी के प्रमाणीकरण विकल्पों में बायोमेट्रिक (फिंगरप्रिंट या आईरिस स्कैन) या ओटीपी (आधार डेटाबेस में पंजीकृत मोबाइल के माध्यम से) शामिल हैं। ई- हस्ताक्षर, आधार धारकों को कानूनी रूप से मान्य डिजिटल हस्ताक्षर सेवा तक आसान पहुँच को सक्षम करता है।
गोपनीयता – ई-हस्ताक्षर, दस्तावेज़ को केवल थंबप्रिंट (हैश) हस्ताक्षर के बजाय पूरे दस्तावेज़ के लिए हस्ताक्षरकर्ता की गोपनीयता सुनिश्चित करता है।
सुरक्षित ऑनलाइन सेवा – ई- हस्ताक्षर सेवा, ई-प्रमाणीकरण के दिशा-निर्देशों के आधार पर संचालित है। हस्ताक्षरकर्ता के प्रमाणीकरण के लिए ई-केवाईसी सेवाओं का उपयोग किया जाता है, तथा दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर ई – हस्ताक्षर सेवा प्रदाता के बैकएंड सर्वर पर किया जाता है। ई- हस्ताक्षर सेवा को वर्तमान में आईटी अधिनियम के अंतर्गत लाइसेंस प्राधिकारी (सीए) के थर्ड पार्टी सेवा प्रदाता द्वारा प्रदान किया जा रहा हैं। सुरक्षा बढ़ाने और दुरुपयोग को रोकने के लिए, आधार धारकों द्वारा हार्डवेयर सुरक्षा मॉड्यूल (एचएसएम) पर प्राइवेट-की का निर्माण तथा नष्ट किया जा सकता है।
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