विश्व कौशल प्रतियोगिता आबूधाबी 2017 में भारत से कौशल चैंपियने

20 Oct 2017

पहले एक व्यक्ति कौशल प्राप्त करना शुरू करता है और  फिर वह इसे इस्तेमाल करना शुरू करता है, इससे वह अधिक गुणात्मक और मात्रात्मक अनुभव प्राप्त करता हैं, और बेहतर और अपने करियर के दौरान प्राप्त कला को निष्पादित करते हैं। यह विकसित कौशल को समय के साथ तेजी से विकसित करने की अनुमति देता है।

किसी व्यक्ति को अपने कैरियर की शुरूआत में कुछ खास कौशल में प्रवीण होने की वजह से ही  काम पर रखा जाता है या कहें रखा जा सकता है, लेकिन कौशल विकास के विकास पर कैरियर की प्रगति अधिक और अधिक निर्भर करती है। आधुनिक दुनिया लगातार विकसित हो रही है और कौशल इसकी नींव है…ये , करियर, कंपनियों, उद्योगों, अर्थव्यवस्थाओं और जीवन शैली को पूरी तरह से संचालित कर रहे हैं। जितना अधिक वे विकसित होते हैं, जितनी तेज़ी से बाकी दुनिया बदलती है या कहें तो विकसित होती है

दुनिया में हर दो वर्षों में विश्व कौशल प्रतियोगिता आयोजित की जाती है…ये अपने आप में  दुनिया  की सबसे बड़ी व्यावसायिक शिक्षा और कौशल उत्कृष्टता कार्यक्रम है। 2011 से राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के माध्यम से, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई), इस कार्यक्रम में भारत की भागीदारी के लिए जिम्मेदार है। इस साल  28 प्रतिभागियों ने 26 स्किल्स प्रतिस्पर्धा  में हिस्सा ले रहे  हैं ..जिसमें कार पेंटिंग, राजमिस्त्री, हेयर स्टाइलिंग, ब्यूटी थेरपी, प्रोटो टाइप मॉडलिंग, ऑटो बॉडी की मरम्मत, विज़ुअल मर्चेंडाइजिंग, मोबाइल रोबोटिक्स, सीएनसी ट्यूरिंग, वेल्डिंग शामिल हैं। यह प्रतियोगिता 14 से 1 9 अक्टूबर, 2017 तक अबू धाबी में आयोजित की जा रही है।

पिछले दो वर्षों में विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के माध्यम से पहचाने जाने वाले  इन प्रतिद्वंद्वियों  को  उद्योग में भागीदारों के संग व्यापक प्रशिक्षण दिया गया  है..साथ ही  कुछ लोग विशेषज्ञता पाने के लिए या कहें  ट्रेनिंग के लिए कुछ  ने विदेशों की यात्रा  भी की है और कर रहे हैं। इसके अलावा  प्रतिभागियों ने एनएसडीसी द्वारा आयोजित एक अन्य प्री-इवेंट की तैयारी से भी रूबरू हुए । इस प्रशिक्षण के तहत इन्हें दबाव , समय प्रबंधन जैसे नरम कौशल के लिए एक कठोर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का भी सामना किया है।जो कि इनके लिए काफी फायदेमंद रहेगा

यहां उम्मीदवार पूरे देश के विभिन्न पृष्ठभूमि से आते हैं। उदाहरण के लिए, आगरा के रहने वाले आदित्य प्रताप सिंह राठौर को कारों के बारे में  जानने का बचपन से जुनून था । सिंह ने  कार  के बारे में ही पुणे के एक  पूर्णकालिक अपरेंटिस (एफटीए) मैकेनिक मोटर वाहन (एमएमवी) ट्रेड का कोर्स किया।  जहां उसने इससे संबंधित जटिल प्रणाली की बारीकियों  और आधुनिक ऑटोमाबाइल को  गहनता से सीखा,

इसी तरह से हरियाणा के नारायणगढ़, अंबाला के रहने वाले  साहिल बुधिरिया अपनी मां के खाना पकाने से प्रेरित था। वह नई दिल्ली में पुसा स्थ्ति इंडियन इंस्टीट्यूट अफ होटल मैनेजमेंट  में शामिल हुआ ताकि उसका महान शेफ बनने का सपना पूरा हो।  उन्होंने संस्थान से “द मोस्ट डेडीकेटेड अवॉर्ड(सबसे समर्पित छात्र पुरस्कार) का पुरस्कार भी” प्राप्त किया है और यूके कौशल प्रतियोगिता 2016 में भाग लिया। एमआईटी एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग, पुणे, महाराष्ट्र के विभोर मेशराम और समर्थ गौड्डार ने मोबाइल रोबोटिक्स श्रेणी में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए, प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत के कौशल का प्रदर्शन किया।  मेश्राम फिलवक्त अपने संस्थान में अंतिम वर्ष में हैं।

मेक्ट्रॉनिक्स में भारत का प्रतिनिधित्व वरुण हनुमान गौडा और टी आनंद कुमार कर रहे हैं  । कुमार पहले से ही एशिया प्रशांत कौशल प्रतियोगिता 2015 से कांस्य  पदक जीत  चुके हैं।

ये सिर्फ भारत के कुछ प्रतिभागी हैं जो इस बार  प्रतिनिधित्व कर रहे हैं….  स्किल इंडिया मिशन के ब्रांड एंबेसडर सचिन तेंदुलकर और रिओ 2016 पैरालिंपिक्स में डबल मेडल विजेता दीपा मलिक  ने  इन प्रतिभागियों के  लिए वीडियो संदेश भी  भेजा है। पाराओलंपिक में पहली बार दो गोल्ड मेडल जीतने वाले देंवेंद्र झाझरिया , अर्जुन अवार्डी  रेहान पोंछा , जो 5 बार स्विमिंग के नेशनल विनर भी रहे हैं, ने प्रतिभागियों से मुलाकात की और उच्चतम स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने के अपने अनुभव शेयर किये।

यदि उन्हें अपने क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा करने और बाकी दुनिया के खिलाफ देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है, यही पर्याप्त नही है। उम्मीदवारों को  सरकार और वर्ल्ड स्किल्स के भागीदारों और प्रायोजकों से पुरस्कार भी प्राप्त होंगे। अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन और प्रशिक्षण भी उनके कौशल की प्रवीणता  में काफी सुधार लाते हैं, और इसका असर अपने देश  में उद्योग को समृद्ध करने के लिए मिलता है या फिर कहें इसमें सहुलियतें होती है..इसके अलावा अतिरिक्त कौशल प्रावीण्यता और अनुभव उन्हें अपने संबंधित उद्योगों में नेतृत्व की भूमिकाएं प्राप्त करने के लिए सक्षम बनाता है

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