स्वच्छता ही सेवा अभियान- ‘स्वच्छता’ ही स्वस्थ और शान्तिपूर्ण जीवन का मूल मंत्र

Radha Mohan Singh
01 Oct 2018



महात्मा गांधी का कथन है, ‘स्वच्छता, राजनीतिक स्वतंत्रता से अधिक महत्त्वपूर्ण है।’ यह कथन समाज में स्वच्छता के महत्व को रेखांकित करता है। उनके इसी कथन को को मूर्त रूप देने के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2014 को लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा था कि “हमें गंदगी और खुले में शौच के खिलाफ लड़ाई लड़नी है, हमें पुरानी आदतों को बदलना है और महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के वर्ष 2019 तक स्वच्छ भारत का लक्ष्य प्राप्त करना है।” जिसके तहत 15 सितम्बर से 2 अक्टूबर (गांधी जयंती) तक देश भर में एक विशेष स्वच्छता अभियान का आगाज किया गया, जिसे पीएम मोदी ने ‘स्वच्छता ही सेवा’ (क्लीनीनेस इज़ सर्विस) नाम दिया है। कैंपेन को प्रोत्साहन देने हेतु महामहिम राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने 15 सितम्बर को उत्तर प्रदेश से अभियान का शुभारम्भ किया। इस दौरान राष्ट्रपति ने नागरिकों से आग्रह किया कि वे अपने परिवेश को स्वच्छ बनाए रखें।

स्वच्छता ही सेवा अभियान के अंतर्गत कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद व परिषद से सम्बन्धित संस्थानों, कृषि विश्वविद्यालयों और कृषि विज्ञान केन्द्रों में भी इस अभियान के तहत जोर शोर से स्वच्छता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। 15 सितम्बर को पीएम श्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘स्वच्छता ही सेवा’ के उद्घोष के साथ इस अभियान की शुरुआत हुई। सुबह 09:30 से 10:30 तक पीएम के संबोधन को अधिकारीयों व कर्मचारियों ने अपने अपने कार्यालयों में दूरदर्शन और नमो एप्प के माध्यम से सुना, तत्पश्चात सभी ने अपने कार्यालय परिसर, शौचालयों, उद्यान व आसपास के इलाकों की साफ सफाई में श्रमदान दिया जो निरंतर जारी है।

साफ-सफाई एक अच्छी आदत है, स्वच्छ पर्यावरण और आदर्श जीवन शैली के लिये हर एक को यह आदत बनानी चाहिये। “स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मानसिकता का विकास होता है” इसी के मद्देनजर देश में स्वच्छता की महती आवश्यकता को देखते हुए हमारे प्रधानमंत्री ने स्वच्छता अभियान शुरु किया। हमें ये समझना चाहिये कि ये केवल हमारे प्रधानमंत्री का कार्य नहीं है, बल्कि समाज में रहने वाले हर इंसान की जिम्मेदारी है। हम सब के स्वस्थ जीवन के लिये इस अभियान में हमें कंधे से कन्धा मिलकर भाग लेना चाहिये। इसकी शुरुआत घरों, स्कूलों, कालेजों, समुदायों, कार्यालयों, संस्थानों से हो जिससे कि देश में व्यापक स्तर पर स्वच्छ भारत क्रांति हो। हमें खुद को, घर, अपने आसपास, समाज, समुदाय, शहर, उद्यान और पर्यावरण आदि को रोज स्वच्छ रखने की जरुरत है।

मैं सभी को बताना चाहूँगा कि मोतिहारी के घिवाढार गाँव में हीरा कुमार नाम के 10 वर्षिय बालक ने शौचालय के लिए स्वयं गड्ढे का निर्माण किया है। मजदूरी देने के लिए घर में पैसे नहीं थे, ऐसे में इस काम का जिम्मा स्वयं ने लिया। स्वच्छता के प्रति ये प्रतिबद्धता व प्रेरणा हीरा को अपने विद्यालय में स्वच्छता अभियान के माध्यम से मिली। ऐसे स्वछाग्राही ही माननीय प्रधानमंत्री जी के स्वच्छता अभियान के असली सिपाही हैं। हीरा से सीख लेकर हम सभी को स्वच्छता का ध्येय, महत्व तथा जरुरत को समझना चाहिये और इसे अपने दैनिक जीवन में लागू करना करना चाहिये। क्योंकि ‘स्वच्छता’ ही स्वस्थ और शान्तिपूर्ण जीवन का मूल मंत्र है। इसके लिए मेरे संसदीय क्षेत्र पूर्वी चम्पारण के निवासी भी सराहना के पात्र है, जिन्होंने मोदी जी के संबोधन को सुन कर न सिर्फ स्वच्छता के संदेश को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लिया बल्कि इसके बाद अपने परिवेश के साथ साथ जिले को भी साफ व स्वच्छ रखने के लिए कमर कस ली। जिसके तहत पूरे जिले में जगह जगह स्वच्छता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। साथ ही वार्ड, मोहल्ले और पंचायत स्तर पर भी प्रतिदिन साफ सफाई में श्रमदान दिया जा रहा है। सभी जन प्रतिनिधि, सरकारी अधिकारी, नेहरु युवा केंद्र एवं राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़े छात्र- छात्राएं इस अभियान में सम्पूर्ण उर्जा से योगदान दे रहें हैं।

अभियान के तहत स्वच्छता संदेशों को जन-जन और घर-घर तक पहुंचाकर हर तरफ स्वच्छता के वातावरण का निर्माण कराने की दिशा में चल रहे कार्यों की मोनिटरिंग मैं स्वयं कर रहा हूँ । केन्द्रीय विद्यालय मोतिहारी में विशेष प्रार्थना सभा आयोजित कर विद्यालय के सभी सदस्यों को ‘स्वच्छता ही सेवा’ कार्यक्रम को लेकर जागरूक किया जा रहा है। प्रति दिन छात्र-छात्राओं ने स्वच्छता अभियान चलाया चलाया जा रहा है। सूबे के प्रसिद्ध अरेराज स्थित सोमेश्वर धाम को भी स्वच्छ और सुंदर बनाना के लिए लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए देश के विभिन्न हिस्सों से यहां स्वच्छाग्रही पहुंचे हैं। सुलभ इंटरनेशनल एवं डेटोल के कार्यकर्ता भी शहर के सभी वार्डों में घर-घर जाकर लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक कर रहे हैं।

मैं आप सब को याद दिलाना चाहता हूँ कि हम सत्याग्रह भूमि के लोग हैं। हमारा इतिहास स्वर्णिम रहा है। हमारी भूमि से सत्याग्रह सफल हुआ है। अब स्वच्छाग्रह को आगे ले जाना है। स्वच्छता ही सेवा के भाव से काम करना है। हमारे प्रधानमंत्री जी ने देश में स्वच्छता की जो मशाल जलाई है, उसे निरंतर आगे बढ़ाने के लिए सभी गांव, सभी शहरों तक स्वच्छता की अलख जगानी होगी। हमें स्वच्छता को रोज की दिनचर्या में शामिल करना है। जिससे स्वच्छ और स्वस्थ भारत का निर्माण हो। अब आवश्यकता है किस्वच्छ भारत के हमारे इस संकल्प को सिद्धि तक लेकर जायें एवं एक न्यू इंडिया के निर्माण में भागीदार बने।

राधा मोहन सिंह,
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री,
भारत सरकार

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