मीठी क्रांति- किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा मे कदम

27 May 2019

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का सपना है की श्वेत क्रांति , हरित क्रांति , नीली क्रांति के बाद हमारे देश को ‘मीठी क्रांति’ की जरूरत है।
राज्य में शहद उत्पादन बढाने पर जोर देने के कलए ‘मीठी क्रांति’ रणनीकतक कदम है, जो ककसानों की आय को दोगुना करने में प्रमुख योगदानकर्ता बन सकता है

आय में वृद्धि के साथ, फसलों का उत्पादन भी 15% तक बढ जाएगा

मीठी क्रांति के उदेश्य
• झारखंड राज्य को 2022 तक विकसित राज्यों की श्रेणी मे खड़ा करना है |
• राज्य के किसानो को मधुमक्खी पालन से जोड़कर रोजगार प्रदान करना है |
• कृषि एवं उद्यानिकी उपज तथा किसानों की आय को बढ़ाना |
• शहद उत्पादन के क्षेत्र में राज्य को अग्रणी बनाना |
• बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाना |
• गुणवतायुक्त शहद का उत्पादन |
झारखंड राज्य में मीठी क्रांति
• मीठी क्रांति को लागू करने के लिए झारखंड सर्वश्रेष्ठ राज्य है तथा शहद उत्पादन के लिए बड़ी संभावनाएं हैं |
• लगभग 30% भूमि वन से आक्षादित है जो शहद उत्पादन के लिए सबसे महत्वपूर्ण संसाधन है |
• शहद उत्पादन के लिए राज्य की जलवायु उपयुक्त है |
• फसल, फल, सब्जी के आलवे जंगली पेड़ युकोलिप्टस, करंज , सेमर , नीम सीसम आदि बहुतायत संख्या में है जो मधुमक्खीपालन के दृष्टिकोण से उतम है |

विश्व शहद बाजार – एक झलक
• कुल शहद बाजार का मूल्य $500 मिलियन है और 2025 तक इसकी बाजार $1130 मिलियन तक पाहुचने की उम्मीद है
• प्रमुख खपत बाजार यूरोप उतरी अमेरिका और चीन में पाया जाता है
• शहद बाजार @ 10.7 % CAGR बढ़ रहा है |
• इंडियन शहद बाजार की मांग यूएसए, यूएई और यूरोप मे है

मीठी क्रांति – कार्य योजना

योजना की मंजूरी
• वर्ष 2018-19 के लिए रु 100 करोड़ प्रशासनिक स्वीकृति | इस योजना के तहत 12000 से अधिक किसान लाभान्वित होंगे |
• रु 10 करोड़ रुपये का वितिय आवंटन किया गया है |
• इस योजना के तहत पहले चरण मे 1207 लाभार्थी लाभान्वित होंगे |
• जिलेवार लक्ष्य पहले ही तैयार कर लिए गए हैं |

किसानों का चयन
किसानों का चयन मुख्यमंत्री लघु कुटीर उघोग बोर्ड के माध्यम से किया जाएगा

किसानों का प्रशिक्षण
• हमारे प्रशिक्षण केन्द्रों के माध्यम से किसानों को मधुमक्खी पालन और उत्पादन के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा
• इसके अलावा बिरसा कृषि विश्वविद्यालय , कृषि विज्ञान केंद्र , अन्य अधिसूचि अजेंसियां के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाएगा |
इकाई वितरण
• प्रत्येक किसान को एक यूनिट दी जाएगी
• प्रत्येक इकाई मे 20 मधुमक्खी कॉलोनी, 20 हनी बॉक्स और एक शहद निकालने की मशीन होगी
• सरकार 80% अनुदान देगी और लाभार्थी का हिस्सा केवल 20% होगा
• प्रत्येक किसान को कुल इकाई लागत रु 100000 /- के वीरुध रु 80000 /- दिया जाएगा , और किसानों को रु 20000/- का योगदान देना होगा |

प्रसंस्करण / उत्पादन / विपणन समर्थन :
• झारखंड सरकार शहद प्रसंस्करण और विपणन की दिशा में किसानों की सहायता करेगी |
• राज्य में विभिन्न एजेंसियों की 7 प्रसंस्करण इकायां मौजूद हैं और वो किसानों को कच्चे शहद के प्रसंस्करण मे मदद करेगी
• विशेष रूप से शहद निर्यात के लिए राज्य सरकार किसानों को APEDA, Government of India के साथ जोड़ेगी

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