उत्तर-पूर्व की नवप्रवर्तनकारी महिला उद्यमी एनईए और जीआईजेड का गौरव
कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के राष्ट्रीय उद्यमिता पुरस्कार, 2016 से संपूर्ण देश के आने वाले युवा उद्यमियों को पहचान,प्रचार और प्रोत्साहन देकर पुरस्कृत कर रहे हैं। हालांकि शायद ही यह कभी होता है कि कोई उद्यमी, जो परंपरा, वंश और वंशावली को संरक्षित रखने के लिए व्यवसाय की शुरुआत करता है, यह उस भूमि के लिए अद्वितीय है जिससे वे आते हैं।
सुश्री रीता गैतफोह, पीटर मर्बनियांग और नवकाट्टी ने एक अनूठी मिसाल कायम की, जब उन्होंने मेघालय के आदिवासी और दूरदराज के इलाकों में एक साथ कारीगर कार्यशालाएं ओयोजित करायीं। यह डाक _टीआई क्राफट बनाने की दिशा में पहला कदम था। डाक _टीआई खासी शब्द है जिसका अर्थ है, हाथ की छाप और इसकी रक्षा कैसे की जाए। इन कार्यशालाओं की प्रतिक्रिया ने रीता और उनकी टीम को इस पारंपरिक शिल्प को आजीविका के साधन के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। व्यावसायिक मॉडल ने उत्तर पूर्व की प्राकृतिक संपदा और सामग्री से उत्पाद तैयार करने के लिए इन कारीगरों के कौशल और उत्साह का मार्गदर्शन करना था। इन सामग्रियों में कुछ बांस बेंत, अनानास फाइबर, और मृदा शामिल हैं जो इस क्षेत्र में बहुतायत में उपलब्ध हैं। इससे सभी हितधारकों का लाभ तीन गुना हो गया । सर्वप्रथम इसने स्थानीय कारीगरों की ऊर्जा और कौशल को सूचीबद्ध किया और उन्हें स्वरोजगार अपनाने के लिए प्रेरित किया। दूसरा, इसने अपने कौशल सेट से स्थायी आजीविका के वातावरण से सकारात्मक पारिस्थितिकी तंत्र तैयार किया। अंत में, इसने नव उद्यमियों को एक सक्षम वातावरण दिया, जिससे खुशहाली की संभावना बढ़ गई। वे खुदरा दुकानों के माध्यम से उत्तर पूर्व के बाजारों से अतिरिक्त दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर और गोवा इत्यादि शहरों में अपने प्राकृतिक उत्पादों को लोकप्रिय बनाने में सक्षम हुए। यह व्यवसाय मॉडल पारिस्थितिकी छाप छोड़ने में सक्षम रहा है, जो सभी के लिए सफलता के अवसर उत्पन्न करता है। । इसने डाक _टीआई टीम को मेघालय के अपने सभी खाद्य, संगीत, कला और शिल्प पदार्थ दुनिया को दिखाने के लिए प्रेरित किया। इस लिए आने वाले समय में डाक _टीआई मेघालय का एक लोकप्रिय ब्रांड एंबेसडर बन सकता है।
जब रीता गतफोह और उनकी टीम को 2019 में राष्ट्रीय उद्यमिता पुरस्कार से सम्मानित किया गया तो उनकी खुशी की कोई सीमा नहीं थी। कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दी गई इस मान्यता का जीआईजेड द्वारा भी अनुसरण किया गया था। यह सुनिश्चित करने का साधन होगा कि रीता, पीटर और नवकॉटी नए सिरे से नए उत्साह से कार्य करेंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनकी सफल उद्यमशीलता की यात्रा में कोई भी प्रयास शेष नहीं बचा है।