एक नवोन्मेषी उद्यमी का कर्नाटक के किसानों की सेवा में अमूल्य योगदान
वर्षों से भारत में स्मार्ट सोच वाले उद्यमी अपनी समृद्धि को चुनौती देने वाली पुरानी समस्याओं के समाधान के प्रति समर्पित रहे हैं। मानवता की सेवा के संकल्प के साथ और परिकल्पित उत्पादों के निर्माण भी किए हैं। हालांकि, शायद ही कभी यह सुनने में आया हो कि किसी ऐसे नवोन्मेषी उत्पाद को डिज़ाइन कर उसका निर्माण किया गया है, जो न केवल समस्याओं को हल करता हो, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी हो और उसमें अक्षय ऊर्जा का उपयोग किया गया हो। यह विशेषताओं का एक दुर्लभ सम्मिश्रण है और इसकी सराहना की जानी चाहिए। ऐसे ही एक नवोन्मेषी की हम बात कर रहे हैं, जो केवल 30 वर्ष का है और कर्नाटक से राष्ट्रीय उद्यमिता पुरस्कार 2018 का विजेता भी है। वह है कर्नाटक के श्री संगप्पा संकानगौड।
कर्नाटक के शिरगुप्पी नामक एक छोटे से गाँव के एक कृषि परिवार में संगप्पा बड़े हुए। उनके किसान पिता उन्हें अक्सर अपने खेतों में ले जाया करते थे, जहाँ उन्होंने किसानों को स्वस्थ फसल सुनिश्चित करने में आड़े आने वाली समस्याओं से जुझते हुए देखा है। कभी मानसून के दौरान फसल को कीटों और बीमारियों से बचाने की एक गंभीर समस्या रहती थी। कभी जिले में गंभीर सूखा पड़ जाता था, जिससे पशुओं का चारा भी दुर्लभ हो जाता था। इन समस्याओं से किसानों के कठोर प्रयासों पर भी पानी फिर जाता था और उसका मनोबल भी गिर जाता था।
सांगप्पा एक समाधान के प्रति आशान्वित थे, जब उन्होंने कृषि इंजीनियरिंग में डिग्री पाठ्यक्रम के लिए अपना नाम लिखाया। कोर्स पूरा करने के बाद, उन्होंने 2014 में एक कंपनी सोलर पावर एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग एंटरप्राइज ’स्थापित की और कृषि उत्पादों का निर्माण शुरू किया। उनके प्रमुख उत्पाद हैं सोलर आधारित स्प्रेयर और ग्रीन चारा आधारित हाइड्रोपोनिक मशीन हैं। ये दोनों मशीनें गंभीर सूखे के दौरान कीट और बीमारियों की समस्या और मवेशियों के चारे की समस्या से निपटने में सफल रही हैं।
2014 तक बाजार में उपलब्ध स्प्रेयर भारी, धीमा और कठोर किस्म का था। संगप्पा ने एक तीन स्तरीय स्प्रेयर विकसित किया, जिसमें खेत की क्यारियों की चौड़ाई के अनुरूप एक स्लाइडिंग समायोज्य पिछला पहिया था। इसकी ऊंचाई समायोज्य थी, और यह रासायनिक खादों के साथ जैविक खादों और कीटनाशक का छिड़काव भी कर सकता है। यह सौर ऊर्जा के उपयोग से चलता है। इसमें सोलर पैनल इस तरह से फिट रहता है कि इससे उपयोगकर्ता को छाया मिलती है। जब सूरज की रोशनी उपलब्ध नहीं होती है तो इसे डीसी पर चार्ज किया जा सकता है। मशीन हल्की, संचालित करने में आसान और रख-रखाव में किफायती है।
हरा चारा हाइड्रोपोनिक मशीन पशुओं के लिए चारे का उत्पादन करती है। यह 3 किलोग्राम बीज के साथ 22 किलोग्राम चारे का उत्पादन करने में लगने वाले सिर्फ 10 लीटर पानी का उपयोग करके 70 किलोग्राम हरे चारे का उत्पादन करता है। परिणामस्वरूप, कर्नाटक के किसानों ने खुले हाथों इन नवीन उत्पादों को स्वीकार किया है।
संगप्पा की निर्माण इकाई के सभी उत्पाद पूरी तरह से सौर ऊर्जा से संचालित हैं। इसलिए, इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि वह राष्ट्रीय उद्यमशीलता पुरस्कार 2018 के योग्य विजेताओं में से एक थे।
बीते वर्षों में कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) ने सांगप्पा जैसे कई नवोन्मेषी उद्यमियों की पहचान की है, जो रोजमर्रा की चुनौतियों का सरल समाधान खोज कर मानवता की सेवा करते हैं। इस वर्ष, राष्ट्रीय उद्यमशीलता पुरस्कार के चौथे संस्करण के माध्यम से, मंत्रालय 9 नवंबर 2019 को ऐसे और अधिक उद्यमियों के प्रयासों को मान्यता देगा। इन पुरस्कारों का उद्देश्य उद्यमशीलता को आकांक्षात्मक बनाना और जॉब सृजनकर्ताओं की खोज करना है।