केस स्टडी: मेरीसरकार द्वारा बजट 2015 पर निर्णय सक्षम भागीदारी

24 Nov 2015

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प्रसिद्घ सामाजिक कार्यकर्ता माइकल मूर ने अच्छे लोकतंत्र के बारे में संक्षेप में कहा है की:
“लोकतंत्र दर्शक का खेल नहीं है, बल्कि यह एक सहभागितापूर्ण घटना है। अगर हम इसमें भाग नहीं लेते हैं, तो यह लोकतंत्र के लिए हानिकारक होता है।”

समीक्षकों में शासन के अन्य रूपों पर लोकतंत्र के लाभ पर बहस कई सदियों से जारी है और इसे सर्वसम्मति से बेहतर सुविधा के रूप में स्वीकार किया गया है क्योंकि लोकतंत्र का स्वभाव सबकी भागीदारी है। लोकतंत्र के प्रामाणिक रूप में, एक पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से एक नेता का चुनाव करते हैं, जहां इस नेतृत्व में नीति निर्माण के समय नागरिकों के महत्वपूर्ण समर्थन और सहभागी प्रक्रिया में हिस्सेदारी की उम्मीद की जाती है। लेकिन इस सहभागिता को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए क्या किया जा सकता है?

सबसे पहले, निर्णय लेने में उन लोगों की भागीदारी होनी चाहिए जिन्हें वास्तविक मुद्दों की समझ हो और इसे बेहतर बना सकते है। इससे नीति के वास्तविक प्रभाव के साथ नीति निर्माण के स्तर पर सकारात्मक असर पडेंगा और शैक्षिक कार्यों में कमी आएगी। दूसरा, जब लोगों को नीति के प्रासंगिक निर्णय लेने में शामिल किया जाएगा तो वे कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध होगें। नागरिक जो वास्तव में नीति से प्रभावित होगें, वे नीति में हिस्सेदारी धारक बन जाएगें और इस तरह की नीति निर्माण में सक्रिय भागीदारी करेगें। तीसरा, जब लोगों को कम प्रतिस्पर्धी और अधिक सहयोगी मिलते है तो वे संयुक्त लक्ष्यों पर काम करते हैं। चौथा, जब लोग एक साथ निर्णय लेते है तब, उनकी सामाजिक प्रतिबद्धता बढ़ जाती है जो उचित निर्णय लेने के लिए आवश्यक है।

महात्मा गांधी, बीसवीं सदी के महानतम व्यक्तियों में से एक है, जिन्होनें निर्णय लेने की प्रक्रिया में जनता की राय द्वारा भागीदारी की शक्ति को सबसे पहले समझा और इसके माध्यम से उन्होनें एक जन आंदोलन को स्वतंत्रता आंदोलन में परिवर्तित करके बड़ी उपलब्धि हासिल करने में योगदान दिया। महात्मा गांधी से प्रेरित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ने हमेशा इस महान विरासत से सीखने और जन आंदोलन में विकास और शासन प्रतिमान को आधुनिक संदर्भ में परिवर्तित करने कि बात की है।

इसी उद्देश्य के साथ मेरीसरकार ने प्रधानमंत्री द्वारा 26 जुलाई 2014 को ऑनलाइन नागरिक भागीदारी मंच शुरू किया गया था। इस मंच का उद्देश्य निम्नलिखित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए किया गया था: क) नीति बनाने में नागरिक की प्रो-एक्टिव भागीदारी; ख) शासन के कार्यों में नागरिक की भागीदारी; और ग) स्वयंसेवी भागीदारी जमीन स्तर पर कार्रवाई के साथ ऑनलाइन दुनिया भर से विचारों और विचार विमर्श में तालमेल बनाना है।

मेरीसरकार मंच की अवधारणा चरण के दौरान भारत सरकार के किसी विभाग या मंत्रालय द्वारा मेरीसरकार से इस गतिविधि के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया था। मेरीसरकार पर सभी चर्चाओं और कार्यों को परिभाषित किया गया है और नागरिकों को सरकार के स्पष्ट रूप से परिभाषित प्रस्तावित कार्रवाई के साथ करार किया जाएगा। इस प्रकार, मेरीसरकार केवल एक चर्चा मंच से अलग, एक फ्री फ्लो ऑनलाइन सामान्य चर्चा मंच बन जाएगा जो नागरिकों के लिए उपयोगी होगा।

सरकार के मुखिया के स्तर पर वैचारिक स्पष्टता, मंत्रालयों और विभागों के लिए एक स्पष्ट रूप से परिभाषित जनादेश के साथ फैक्टर-इन करने के लिए मेरीसरकार पर शुरू चर्चाओं और कार्यों पर नागरिक सुझाव, अंतिम नीति, कार्यक्रम या फ्रेम योजनाएं अपनी शुरुआत के बाद से मेरीसरकार द्वारा लागू किए जाने के बाद से ज्यादा सफल हुई है। बहुत लोकप्रिय प्रधानमंत्री जन-धन योजना और स्वच्छ भारत अभियान के लिए प्रतीक चिन्ह मेरीसरकार पर योगदानकर्ताओं द्वारा उत्पन्न किया गया। प्रधानमंत्री ने खुद लोकप्रिय मासिक कार्यक्रम “मन की बात” द्वारा नियमित रूप से नागरिकों के विचारों और आकांक्षाओं स्रोत के लिए मेरीसरकार मंच का इस्तेमाल किया है।

इन प्रारंभिक सफलताओं के द्वारा उत्पन्न आत्मविश्वास ने व्यापक भागीदारी के लिए जनता सोर्सिंग में संलग्न करने के लिए मंत्रालयों और नागरिकों दोनों को प्रोत्साहित किया। रेल मंत्रालय और वित्त मंत्रालय ने क्रमश: रेल बजट और आम बजट के लिए नागरिकों से विचार विमर्श शुरू कर दिया। स्पष्ट रूप से मेरीसरकार द्वारा नागरिकों से प्राप्त विचार वर्ष 2015-16 के लिए वास्तविक बजट में संबंधित सरकार का प्रस्ताव बन गया।जहां वे किसी भी मध्यस्थ या बिचौलियों के बिना सरकार को उनकी आकांक्षाओं और जरूरतों को स्पष्ट कर सकते है, नागरिकों के लिए एक सीधा मंच के निहितार्थ, वास्तविक बजट प्रस्तावे के रुप में देखा जा सकता है।

रेल बजट के लिए, रेल डिब्बों में वैक्यूम शौचालयों और जैव-शौचालयों की सफाई में सुधार के वास्तविक प्रस्ताव का सुझाव, विकलांग यात्रियों के लिए रियायती ई-टिकट उपलब्ध कराना; आईआरसीटीसी के माध्यम से टिकटों की बुकिंग के समय ऑनलाइन खाना ऑर्डर करना; रेलवे की पेंट्री नेटवर्क के साथ लोकप्रिय निजी फूड चेन को एकीकृत करना; प्लेटफार्मों पर डिजिटल प्रदर्शन नेटवर्क की स्थापना के नागरिकों के लिए वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करना और भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करके मानव रहित समपारों पर यात्रियों के लिए ऑडियो-विजुअल चेतावनियों को उपलब्ध कराने के लिए इसरो की भागीदारी के सुझाव को रेल बजट में शामिल किया गया। मेरीसरकार के द्वारा उपयोगकर्ता सुझावों की एक अधिक विस्तृत विवरण के वास्तविक प्रस्तावों को यहाँ पढ़ा जा सकता है।

2015-16 के आम बजट में, सोने और संप्रभु सोने बांड की शुरूआत के मुद्रीकरण सक्षम करने के लिए प्रस्ताव; वेल्थ टैक्स को खत्म करने और टैक्स संरचनाओं को आसान बनाने के लिए प्रस्ताव; योग को बढ़ावा देने के लिए विशेष कर प्रोत्साहन; एक निर्धारित मूल्य से ऊपर नकद लेन-देन के लिए अनिवार्य पैन नंबर की साझेदारी बनाने के लिए प्रस्ताव, स्वच्छ भारत कोष में योगदान के लिए 100% कर लाभ; भारत के कोने-कोने में बैंकिंग के लिए उपयोग में सुधार लाने के लिए विशाल पोस्टल नेटवर्क का उपयोग और विदेशी बैंक खातों के गैर प्रकटीकरण दंडित करने और भारत में बेनामी संपत्ति होल्डिंग्स से निपटने के लिए कानून लागू करने के प्रस्ताव को शामिल किया गया। मेरीसरकार के द्वारा उपयोगकर्ता सुझावों की एक अधिक विस्तृत विवरण के वास्तविक प्रस्तावों को यहाँ पढ़ा जा सकता है।

इन सुझावों में नागरिकों द्वारा स्वयं के बारे में सोचा गया। वे कुछ मामलों में प्राकृतिक और व्यावहारिक हैं। सोने का मुद्रीकरण योजना द्वारा परिवर्तनकारी अर्थव्यवस्था पर असर पड़ सकता है। रेल पेंट्री नेटवर्क के साथ लोकप्रिय फूड चेन का मेल और साथ ही नागरिकों को ऑनलाइन खाना ऑर्डर करने के लिए सक्षम करना, जैसे सुझाव सरल प्रदर्शित होते है, जबकि इससे अत्यधिक रेल नेटवर्क से यात्रा कर रहे लोगों के लिए यात्रा का अनुभव बदल जाते हैं।

ऐसी भागीदारी निर्णय लेने की प्रक्रिया के निहितार्थ सहयोगी रही हैं। सामान्य राष्ट्रीय बहस का एक प्रतिमान के रूप में विकास एक गूढ़ अवधारणा है। हालांकि, व्यापक दीर्घकालिक शासन रूपरेखा को आसानी से पहचाना विशिष्ट समयबद्ध कार्यक्रमों में परिवर्तित किया जा सकता है, जो राष्ट्रीय निर्माण के लिए आसान है, तत्काल कार्यकाल में स्वयं की पहचान कर सकते हैं।
आम बजट में प्रत्येक वर्ष सरकार लंबे समय से मध्यम अवधि में अर्थव्यवस्था का प्रबंधन करने का इरादा रखती है जिसके द्वारा ढांचे का ब्यौरा सरकार का एक महत्वपूर्ण नीतिगत दस्तावेज है। लेकिन, क्या अगला बजट मेरे लिए है हर साल के बजट के निर्माण में नागरिकों द्वारा सबसे अधिक प्रासंगिक सवाल है। सामाजिक और भावनात्मक रूप से शासन प्रतिमान में लोगों को निवेश करने की कला किसी भी तरह उपभेद है। मेरीसरकार मंच के कार्यों में,
नागरिकों को उनके लिए इसमें क्या है इसके लिए उन्हें बजट की प्रक्रिया के अंत तक इसका इंतजार नहीं करना पडा, बल्कि वें सक्रिय रूप से बजट से क्या चाहते है तय करने में मदद कर सकते है। निर्णय लेने में सहभागीता और बजट एक सरल प्रक्रिया है न कि सरकारी दस्तावेज, लेकिन यह लोगों का दस्तावेज बन जाती है। इसे भावनात्मक प्रतिबद्धता से बनाया जाता है और गूढ़ विकास प्रतिमान एक सहभागी जन आंदोलन बनने की राह पर है। मेरीसरकार मंच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन का प्रतिबिंब है जो इसे वास्तविकता में परिवर्तित करने में सक्षम बनाता है।

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कुल टिप्पणियां - 103

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  • mani jana - 9 years ago

    tax collection in other than salaried circle is very very low. there is huge tax evasion by rela estate, liquor maffia and corrupt policians and beuracrat net
    work

  • bipin pradhan - 9 years ago

    sir,
    the best way to raise income tax exemption limit is to introduce a scheme where tax exemption limit upto 50% of the amount spend by the tax payer will be granted but by providing genuine cash memo, taxable bill like having paid restuarant bill service tax etc upto a limit of 3 lakhs. that means those who spend 6 lakh will get exemption upto 3 lakh. this scheme will make buyers to seek cash memo and bills which is ignore mostly. it can generate huge revenue and benefit for aam admi.

  • sachin garg - 9 years ago

    Salary class is stuckup wirh income tax and same time business income has flexibility of expanses in many heads. We must support high salary people paying high tax n cutting his cost of living vs business people enjoying everything on business expenses n not paying taxes.
    Entire land records must be captured and fixed coat per year must be taken say Rs 10-100 per land owner for non agriculture lands. This will incdease income side n control on ownership part. These yearly receipt will be must

  • Manoj Kumar Surana - 9 years ago

    Sir
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  • Manoj Kumar Surana - 9 years ago

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