‘‘नई राहें, नई मंजिलें’’ संवारेगी हिमाचल की वादियां…
प्रकृति के सौंदर्य से परिपूर्ण हिमाचल प्रदेश के कई क्षेत्र ऐसे हैं जिन्हें पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की आवश्यकता है। इसके मद्देनजर हिमाचल सरकार ने ‘‘नई राहें, नई मंजिलें’’ नामक योजना शुरू की है। इस योजना के तहत प्रदेश के अनछुए क्षेत्रों को पर्यटन की दृष्टि से संवारने का कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने वित्तीय बजट 2018-19 में ‘‘नई राहें, नई मंजिले’’ योजना को शामिल किया था। हिमाचल सरकार ने इस योजना के लिए 50 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया है। प्रथम चरण में ‘‘नई राहें, नई मंजिलें’’ योजना के तहत जिला शिमला के चांशल, जिला कांगड़ा में बीड बिलिंग और जिला मंडी के जंजैहली क्षेत्र को पर्यटन के दृष्टिकोण से विकसित किया जा रहा है।
पर्यटन की दृष्टि से विकसित होगा चांशल
जिला शिमला के चांशल क्षेत्र में साहसिक खेलों, कैंपिंग की अपार संभावनाएं है। ऐसे में प्रदेश सरकार चांशल को ‘‘नई राहें, नई मंजिलें’’ योजना के तहत विकसित करेगी। पर्यटन स्थल बनने से चांशल में भी पर्यटकों की चहल-कदम बढ़ेगी। इससे स्थानीय जनता को स्वरोजगार एवं रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
जंजैहलीघाटी में विकसित होंगे नए ट्रैकिंग मार्ग
पर्यटकों की सुविधा के लिए जिला मंडी के जंजैहली क्षेत्र में नए ट्रैकिंग मार्गों को भी नई राहें, नई मंजिलें योजना के तहत विकसित किया जाएगा। इसके अलावा कई वन विश्राम गृहों/निरीक्षण हटों को पर्यटकों की सुविधा के लिए अपग्रेड किया जाएगा। जंजैहलीघाटी के विकास व पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है।
बीड़ बिलिंग में स्थापित होगा पैराग्लिडिंग संस्थान
जिला कांगड़ा में बीड़ बिलिंग को नई राहें, नई मंजिलें योजना के तहत पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। प्रदेश सरकार यहां पैराग्लिडिंग संस्थान स्थापित करने के लिए प्रयासरत है। इसी दृष्टि से योजना के तहत बीड़ बिलिंग में कार्य किया जाएगा।