मेरा शहर मेरा सपना प्रतियोगिता

24 Nov 2015

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पिछले एक साल से ‘स्मार्ट शहर’ शब्द हमारी सामूहिक कल्पना में पूर्ण रुप से शामिल हो गया है। स्मार्ट शहर की अवधारणा चारों ओर फैल चुकी है, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जब से अपनी सरकार द्वारा भारतीय शहरों को उनकी विशिष्ट विरासत के साथ विश्व स्तरीय शहरी केंद्रों और सांस्कृतिक मूल्यों में बदलने की दृष्टि को व्यक्त किया है तब से स्मार्ट शहर की अवधारणा ने भारतीय संदर्भ में जबरदस्त लोकप्रियता हासिल की है। भारत के 100 शहरों को ‘स्मार्ट शहरों’ में बदलने के लिए अन्य देशों और क्षेत्रों की अंतरराष्ट्रीय निजी क्षेत्र की कंपनियों के आगमन की खबर ने पुरे विश्व का ध्यान भारत की तरफ आकर्षित किया है। इस महत्वपूर्ण परिवर्तन को सफल करने तथा ‘स्मार्ट शहर’ और प्रमुख रणनीतियों की अवधारणा पर चर्चा करने के लिए सरकारी, निजी क्षेत्रों और शिक्षा के सभी स्तरों पर परामर्श, सम्मेलनों, संवादों और बैठकों का आयोजन किया गया है।

इन चर्चाओं पर निर्माण और शहरी जनता के महत्वपूर्ण हितधारकों के सुझावों का संज्ञान लेने के लिए शहरी विकास मंत्रालय ने मेरीसरकार और राष्ट्रीय शहरी मामले संस्थान (एनआईयूए) के सहयोग से ‘मेरा शहर मेरा सपना’ प्रतियोगिता का आयोजन किया है। प्रतियोगिता का आयोजन 15 जून 2015 से 20 जून 2015 के बीच किया गया है। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य नागरिकों को भारतीय शहरों को पेश आ रही चुनौतियों के संबंध में अपने सुझाव द्वारा सहयोग और समाधान में योगदान के लिए प्रोत्साहित करने के लिए किया गया था। शहर-स्तरीय चुनौतियों, संभव समाधान और अभिनव विचारों से संबंधित 14 सवाल पूछे जाएंगे जिनमें प्रत्येक प्रश्न का उत्तर देने के लिए 250 शब्दों की एक सीमा निर्धारित थी। पुरस्कार के लिए प्रतिभागियों को निम्नलिखित तीन श्रेणियों में से कम से कम एक श्रेणी के सभी सवालों के जवाब देना आवश्यक था।

  1. सभी शहरों के लिए आम समाधान (694 प्रविष्टियाँ प्रकाशित)
  2. यातायात की समस्याओं के लिए स्मार्ट समाधान (645 प्रविष्टियाँ प्रकाशित)
  3. प्रशासन की सेवाओं में सुधार करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग (316 प्रविष्टियाँ)

ये प्रश्न याचना रणनीतियों के अलावा नगर निगम के शासन में सुधार लाने, बड़े डेटा आवेदनों की अवधारणा करने, अमीर और गरीब के बीच की खाई को कम करने तथा यातायात की भीड़ को कम करने पर आधारित थे। इसका उद्देश्य आम आदमी की अपने शहर के लिए आशाओं और आकांक्षाओं को समझना तथा भारतीय नागरिक अपने शहरों में कौन सी सुविधाएं देखना चाहते हैं इस बारे में जानकारी प्राप्त करना था। उदाहरण के लिए प्रतिभागियों से यह पूछा गया की भारतीय शहरों में प्राथमिकता के आधार पर शीर्ष 3 समाधान (21 समाधान की सूची से) का चयन करने के लिए कहा गया, जबकि दुसरा प्रश्न नगरपालिका की 3 ऐसी सेवाओं की सेवाओं की सूची बनाने के लिए कहा गया जिसमें मोबाइल फोन का उपयोग कर सुधार किया जा सकता है। हमारे शहरों के महत्वपूर्ण हितधारक के शामिल होने की उम्मीद के साथ प्रतियोगिता को 15 जून 2015 को शुरू किया गया था।

इस प्रतियोगिता पर नागरिकों की प्रतिक्रिया सराहनीय थी। पांच दिनों के भीतर, वेबसाइट पर तीन अलग अलग श्रेणियों में 1000 से अधिक प्रविष्टियाँ प्राप्त हुई। जबकि सप्ताह के अंत तक यह संख्या 1733 थी। प्रविष्टियों की संख्या अधिक होने के साथ ही उनकी गुणवत्ता भी प्रभावशाली थी। लगभग सभी प्रविष्टियों ने वास्तविक तथा सार्थक योगदान दिया।

प्रारंभिक जांच में कई प्रविष्टियों के एक जैसा होने की बात पता चली। जाँच समिति इस बात से चकित थी। इन व्यक्तिगत प्रविष्टियों में कई नवीन विचार भी शामिल थे। उदाहरण के लिए यातायात संकट के समाधान के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज प्वाइंट प्रदान करना और भीड़ प्रबंधन सेंसर शक्ति के साधन के रूप में सड़क अवसंरचना में सौर ऊर्जा संचालित प्रौद्योगिकियों को एम्बेड करने का सुझाव दिया गया था। इनमें से कुछ समाधान काल्पनिक थे जबकि कुछ व्यावहारिक भी थे। व्यावहारिक और सराहनीय सुझावों में सुरक्षा की चुनौतियाँ और सार्वजनिक बसों में सुधार तथा बेहतर प्रशासन के लिए आईटी का उपयोग शामिल था। जाँच समिति शहरों में विद्युत चुम्बकीय विकिरण निगरानी के माध्यम से शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य और जागरूकता में सुधार लाने के सुझाव को देखकर प्रभावित हुई। वेक्टर जनित रोगों के पैटर्न का अध्ययन करने और प्रतिक्रियाओं का स्थानीयकरण करने के लिए बड़े डेटा के स्थान पर बेहतर स्वास्थ्य प्रक्रियाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए आईटी का उपयोग एंव लाभ पर प्राप्त हुआ सुझाव भी सराहनीय था। सिर्फ प्रौद्योगिकी और हार्डवेयर समाधान तक ही सीमित न होकर प्रतिभागियों ने शहर शासन के अन्य पहलुओं में सुधार के महत्व पर भी जागरूकता दिखाया। गरीबी की स्थिति और गरिमा में सुधारने करने के लिए न्यूनतम मजदूरी की स्थापना तथा शहरी गरीबों के लिए स्कूलों तक पहुँच एंव नगर निगम के कर्मचारियों के काम की परिस्थितियों में सुधार की प्रविष्टियाँ भी प्राप्त हुई।

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यह एक प्रतियोगिता थी और इसके लिए एक विजेता का चयन किया गया था। प्रविष्टियों की स्क्रीनिंग से पहले उनके अभिनव विचारों पर सावधानी से जाँच की गई थी। इसके बाद, प्रविष्टियों की रचनात्मकता और व्यावहारिकता के बीच संतुलन कायम करने के लिए दो मापदंड ‘मत क्षमता’ और ‘अभिनव’ को ध्यान में रखते हुए अंक दिए गए थे। प्रत्येक श्रेणी में शीर्ष 10 उत्तर का चयन फाइनल राउंड के लिए किया गया था। इन प्रविष्टियों की जांच ध्यान पूर्वक की है और प्रत्येक वर्ग में शीर्ष दो विजेताओं का अंतिम रुप से चयन से पहले समिति द्वारा चर्चा की गई। प्रत्येक श्रेणी के विजेता निम्नलिखित थेः

श्रेणी 01 – सभी शहरों के लिए आम समाधान

प्रथम पुरस्कार – श्रावण शंकर
द्वितीय पुरस्कार – निशा मैरी पुलोज
श्रेणी 02 – यातायात की समस्याओं के लिए स्मार्ट समाधान

प्रथम पुरस्कार – शरद मोहिनदर
द्वितीय पुरस्कार – कुमरेश कुमार शर्मा
श्रेणी 03 – शासन की सेवाओं में सुधार करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग

प्रथम पुरस्कार – राजन कुमार दुबे
द्वितीय पुरस्कार – जयेश वाणी

इनके विचारों में लागत प्रभावशीलता, नवीन वित्तपोषण, विस्तृत या मौजूदा उपकरणों के आवेदन जैसी भारतीय संदर्भ के लिए प्रासंगिकता और एक विशिष्ठ सुविधाएं शामिल थी। उदाहरण के लिए, श्रेणी – शासन की सेवाओं में सुधार करने के लिए आईटी का उपयोग में अंतिम विजेता के चयन के लिए – आगंतुकों को बेहतर गुणवत्ता शैक्षिक जानकारी प्रदान करते हुए सार्वजनिक स्थानों में सुरक्षा में सुधार के समाधान के रूप में सीसीटीवी प्रौद्योगिकी, इंटरनेट और विरासत या स्मारक साइटों के एकीकरण की पहचान की गई। इसी तरह, सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने के लिए कर कटौती (स्मार्ट कार्ड के लिए पैन की जानकारी जोड़कर) को जोड़ कर सार्वजनिक परिवहन के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने के लिए एक अन्य प्रतिभागी ने सुझाव दिया जिसे एक अच्छे दृष्टिकोण के रूप में शामिल किया गया था। शहरी डिजाइन के साथ-साथ कौशल प्रशिक्षण, शिक्षा और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने तथा सड़क पर गरीबों को जगह देने के विचार को भी ‘स्मार्ट शहरों’ की दिशा में एक विचारशील और मानवीय दृष्टिकोण के रूप में पहचान की गई थी। हालांकि इसी तरह के सुझावों के साथ कई प्रविष्टियाँ प्राप्त हुई, विजेताओं ने प्रतियोगिता के नियमों का पालन किया है तथा व्यावहारिकता एंव नवीनता पर ध्यान दिया।

पोस्ट और प्रविष्टियों के इस संग्रह द्वारा लोकप्रिय ‘की-वर्ड’, समाधान और प्रतियोगियों को उनके प्रविष्टियों में उल्लेखित समस्याओं की पहचान करने में शहरी विकास मंत्रालय को मदद मिलेगी। सभी शहरों के लिए आम समाधान प्रविष्टी में नागरिक एक मजबूत और सुसंगत विषय पर अपने शहरों में ‘पानी की रीसाइक्लिंग’ और ‘सतत ऊर्जा’ तथा ‘धन के दुरुपयोग’ को प्राथमिकता देना चाहते हैं। विशिष्ट बदलाव समय के साथ नागरिक चार्टर या नागरिकों को उनके अनुरोध की सही स्थिति (जन्म प्रमाण पत्र, संपत्ति का पंजीकरण, लाइसेंस आदि का नवीकरण) की जानकारी जैसी सार्वजनिक सेवाएं प्रदान करने के लिए आवश्यक समय बहुत ही कम है। नागरिकों ने बेहतर शासन के लिए आईटी पर ध्यान केंद्रित करने पर विशेष ध्यान दिया। यातायात प्रबंधन के क्षेत्र में कार स्वामित्व वाले परिवारों के आधार पर प्रतिबंधित किया जाना चाहिए के सुझाव प्राप्त हुआ।

माननीय प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई 100 स्मार्ट शहरों के मिशन की परियोजना के लिए प्रस्तावों को विकसित करने में शहरी सरकारों के मार्गदर्शन के संबंध में भी सुझाव प्राप्त हुए। इनमें से सुझाव स्मार्ट ‘विभाग रेटिंग एप’ विकसित करने का था, जहाँ नागरिक सेवाएं प्रदान करने में दक्षता के लिए सरकारी कार्यालयों और एजेंसियों को रेट कर सकते है तथा जनता के साथ अपने अनुभव साझा कर सकते हैं।

इस प्रतियोगिता के आयोजकों के अनुसार यह प्रतियोगिता नागरिकों की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न सरकारी विभागों और एजेंसियों के बीच सहयोग का एक उत्तम उदाहरण था। हमें इस तरह के सहयोग से शहरों में कार्यरत और सक्रिय विभिन्न एजेंसियों और हितधारकों के बीच एक आम विषय बनने की उम्मीद है। हम ‘मेरा शहर मेरा सपना’ प्रतियोगिता से प्राप्त ‘स्मार्ट विचारों’ को ‘स्मार्ट शहर मिशन, में लागू करने का विश्वास करते हैं।

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कुल टिप्पणियां - 150

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  • Bhargav Sura - 9 years ago

    One way to make city smart is organize the traffic first. I see infrastructural development with basic such as roads and utilities as the main step in promoting excellent cities. If roads are organized, people must be taught disciplined driving. Driving is not racing and "yeh raasta tere baap ka hai kya" attitude should go away. Make people follow lanes and no honking horns should be the main goal of the government. Show them the way how to do it

  • JITENDARASINH GOVINDASINH SOLANKI - 9 years ago

    Mananiya motabhi N.M. AAP GUJRAT NACHO MATEY AAP GUJARATI BHAASA SAMJ SO ………Q1.DEFANCE .BHARTI ALL GUJRAT KAAS MA KHAAS VAAT CHI GUJRAT POLICE BHARTI MATHODA FARFAAR KARVA JAVACHI .JAY M KAY ….1..POLICE HAAL KOY PAN JAGYA A POLICE UPAR HUMLAO THAY CHI ..ANU SAVTHI MOTU KARAN CHI …BHARTI..KAVANA ..NEYAMO..EK K BHARTI MA SAVTHI VATHAREY PHICECAL TEST CHI kARAN ki 5 km running 25 min e vykte ni bodey ek dam hadi pacli hoy tayrey jani bodey hoy a vey vyakti JA dakhav maa saro lagey

  • Mirtunjay Kandwal - 9 years ago

    All the new buldings should only be allowed to be contructed if their architecture contains measures for "rain water harvesting".. otherwise should be suggested for it….

  • Siddhant goyal - 9 years ago

    Dear sir, clean India yojna ko improve karne ke liye mere paas ek sujhaav hai agar aap ko pasand aaye to. That is sadak per ya India ke kisi bhi jagah per agar koi paan thuuk ta ya kachara fekte mile to usper jurmana lagaya jaye jaise switzerland mai jurmane ka pravdhaan hai vaise hi. Yeh aap decide ki jiye ki veh kitna ho, or sir isse teji se improve kar ne ke liye bhi mere paas sujhaav hai ki agar koi insaan gandgi karte dikhe to uske aas-paas ke log with evidence uski shikayat kare station pe

  • monu chahal - 9 years ago

     In short i am writting the benefit of Biomass power generation which is purely an economic input.  

    Benefits:-
        Self sufficiency
        Enviornment friendly
        May generate employment,income,power generation
        Can help to save foreign exchange
         Agro based and other linked industries thrive
         Help in reducing road accidents
         Milk production will increase
         Qualitative change in agriculture may took place.

  • monu chahal - 9 years ago

    FM said that enviornment degradation hurts the poor more  than others,we are committed to make our development process. In my view we should use this thrust from the center as the basis of Haryana’s Budget .Coming to the point as the target is of 10000 MW power generation from the Bio-Mass.
    If we want to be rememberred as the resident of "Deshon me desh haryana jit dhoodh dahi ka khana" then we should use the resource base present every where. In short i am wri

  • Siddhant goyal - 9 years ago

    Dear sir,mere paas ek opinion hai agar aap ko pasand aaye to. That is pure India ki har city mai dustbin rakh wa dijiye,har 20-30 kadam ki duri per jise aam Jan ko subhidha ho clean India rakhne mai.

  • ASHOK KUMAR - 9 years ago

    Hi we should also keep in mind for facility of disable candidate
    we should Need to amendment and add some services for disable candidate on exiting services

  • Nitin Nagpal - 9 years ago

    Dear all,

    I am writting for electricity saving because I observed while travelling through DMRC, Tubelights in metro train does not get off even when the train comes to sunshine area (out of underground track). I think we should assign a technical team for implementing sensors in DMRC trains which blows off or on the DMRC train lights as per requirment.

    It will save atleast electricity for minimumly for 100 homes and will make metro more technically strong.
    Thanks
    Nitin
    9891014120

  • anuj kumat singh - 9 years ago

    हम चाहते है की हर १ किलोमीटर पर शौचालय़ होना चाहिए