राष्ट्रीय उद्यमिता पुरस्कार 2019 विजेताओं ने साहस के लिए मनोभावों से बाहर निकलकर व्यवसाय खड़ा किया

11 Mar 2020

उनका कहना है कि यदि आपका कार्य ही आपका शौक है तो कोई ऐसा कारण नहीं कि आपका व्यवसाय विफल हो जाए, वास्तव में यह निश्चित रूप से प्रसिद्धि के शिखर पर पहुंचने की ऊंची छलांग होगी । “स्काउट माई ट्रिप के संस्थापक विनीत राजन और दीपक अनंत इसी तरह के लोग हैं। दोनों ने अपना सफल करियर छोड़, यात्रा के क्षेत्र में व्यवसायिक कार्य शुरू किए, इससे संबंधित सभी जानकारियां जुटाई और यात्रा से संबंधित छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देते हुए बाह्य यात्रा प्रति अपना स्नेह दर्शाया। यात्री के रूप में उन्होंने बाह्य जानकारी की क्षमता को समझने की आवश्यकता महसूस की और इस दिशा में  अनेक माह ऐसे समान लक्षण वाले 5000 से अधिक लोगों से भेंट की। इन यात्री वार्तालापों से जो निष्कर्ष निकला उसने उन्हें इतना रोमांचित किया कि उन्होंने “स्काउट माई ट्रिप” के लिए व्यवसाय मॉडल की संकल्पना की। मॉडल सरल था और इसने उन सभी बातों पर ध्यान दिया, जिनका भावी यात्रियों को अपनी यात्रा के दौरान सामना करना पड़ता था।

जैसा कि नाम से ही पता चलता है, “स्काउट” और इसके मूल लक्षण व्यवसाय के पहले बिल्डिंग ब्लॉक को स्थापित करने के लिए अभिन्न अंग बन गए। “स्काउट” भारत के विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों के स्थानीय निवासी थे और सभी यात्रा आवश्यकताओं के लिए दिक्सूचक या गाइड बन गए। हालाँकि, सही स्काउट का चयन कोई सरल कार्य नहीं था और इसके लिए विनीत और दीपक दोनों ने यात्रा नेटवर्क तैयार किया और उसे शॉर्टलिस्ट किया तथा उस स्थान की उचित जानकारी मिलने के पश्चात अंतिम रूप दिया।  स्काउट अंतत: सेवाओं की जानकारी देने वाले होते थे और इसलिए वे सबसे महत्वपूर्ण भी थे । इसलिए नेटवर्क स्थापन, उत्साह और संचार कौशल के आधार पर अनूठा और सफल बिजनेस मॉडल 2015 में स्थापित किया । संस्थापकों ने अधिक विज्ञापन नहीं दिए लेकिन उनके ब्रांड एंबेसडर बनने के लिए अपने ग्राहकों पर भरोसा जताया और स्काउट माई ट्रिप जनमानस का विचार बन गया।

इन हजारों एम्बेस्डरों ने वर्षों अपने अनुभवों को आनंदपूर्वक साझा किया। उनमें से मुंबई की एक युवा माँ भी थी जो हिमाचल के विविध और दुर्गम क्षेत्रों की खोज करने के लिए बहुत उत्सुक थी। स्काउट्स को शॉर्टलिस्ट किया गया  और ग्राहक को विस्तृत यात्रा मार्गविवरण दिया गया। वह अपने बच्चों के साथ लाहौल स्पीति की चिलिंग हाइट्स सहित 15 दिनों की यात्रा के लिए हिमाचल के पर्वतों पर गई। उसने जिन तस्वीरों को वहाँ से भेजा वे उसके और संस्थापकों के लिए हमेशा के लिए यादगार हैं। ये यादें अधिसंख्या ऐसे यात्रियों को आकर्षित करने में अपार विश्वसनीयता दर्शाती हैं, जो वर्तमान में इस परिधि में हैं।

इसलिए व्यवसाय तेजी से आगे बढ़ रहा है लेकिन विश्व स्तर पर आई धूमिलता हटने की दिशा में पहला कदम तब उठा जब दक्षिण-पूर्व एशिया के बाजारों का पता लगाने और अनुकूल यात्रा इको सिस्टम तैयार करने के लिए इंडोनेशियाई त्वरक “डिजिटाराया” ने इसके संस्थापकों के साथ संपर्क किया । इसने संस्थापकों को दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र का अध्ययन करने और वहां मॉडल को दोहराने के लिए अनुकूल रोड मैप तैयार करने के लिए प्रेरित किया है। यह कोई आसान काम नहीं है क्योंकि निधीयन और निवेशकों को आकर्षित करना बहुत बड़ी चुनौती है और नेटवर्किंग भी एक कुंजी है। हालांकि, विनीत और दीपक दोनों ने कठिन चुनौतियों का सामना किया है क्योंकि चुनौती को पार करना हमेशा उनकी गौरव यात्रा में उनका सबसे बड़ा उत्प्रेरक रहा है। हम उन दोनों को भविष्य में उनके बेहतर प्रयासों के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं देते हैं।

 

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