स्वच्छ भारत की तीसरी वर्षगांठ मनाना
तीन साल पहले, प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक मिशन का शुभारंभ किया जो पूरे देश को एक पुरानी और बुरी परंपराओं के खिलाफ लड़ने के लिए लाया गया था । स्वच्छ भारत की यात्रा को कई सफलताओं के रूप में चिह्नित किया गया है और पिछले समय तक जो बदलाव नहीं दिख रहे थे उसमें अब बदलाव दिखने लगा है …।एक तरह से कहा जा सकता है कि ये बदलाव लाने में स्वच्छ भारत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
मिशन का प्राथमिक उद्देश्य एक ‘स्वच्छ भारत’ है, जिसके तहत भारत 201 9 तक खुले में शौच से मुक्ति मिलेगी , इसका लक्ष्य रखा गया है… दो उप-मिशनों के साथ- स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) और स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) जैसी पहलों के तहत फिलवक्त तक 4,99,44,639 शौचालयों का निर्माण (2014 में 38.7% फीसद का इजाफा, 2017 में 69.04% का इजाफा ) और शहरी क्षेत्रों में 97,726 सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया गया है।
खुले में शौच से मुक्ति एक चुनौती है , जिसे देश लंबे समय से निपटने में जुटा रहा है। स्वच्छ भारत मिशन ने न केवल इस समस्या से निपटने के लिए एक बुद्धिमान कार्य योजना के साथ परिप्रेक्ष्य में बातें कीं, बल्कि इसे पूरी तरह खत्म करने की राह पर भी है। इस मिशन के अंतर्गत, वर्तमान में 2, 58, 1 9 8 गांवों को खुले में शौच से मुक्ति किया गया हैं और इस संख्या में 201 9 तक और इजाफा हो सकता है या कहें बढ़ सकती है, तब हम एक वास्तविक भारत का सपना बनाने दिशा में गति प्राप्त कर रही है। खुले में शौच से मुक्ति की ख़बर स्वच्छ भारत की दिशा में और लोगों के जीवन की गुणवत्ता में विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में बदलाव आया है, साथ ही अब बड़े पैमाने पर लोगों की मानसिकता में भी इस अभियान ने बदलाव लाया है।