सौर –प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवाचार
अब वह दिन दूर नहीं जब एक सौर क्रांति का सूत्रपात होगा… जो ना केवल भारत बल्कि विश्व के लिए काफी उपयोगी होगा। ये होना भी वाजिब है क्योंकि सौर ऊर्जा देश में ऊर्जा विकास की गाथा को अभिनव सामग्री प्रदान कर रही है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के सहयोग से की गई ये पहल करोड़ों वंचित लोगों के लिए लाभान्वित हो सकती है।
विकसित सौर उपकरणों में ‘सूर्यज्योति’ (जो कि एक सूक्ष्म सौर गुंबद है), एक सौर जल शोधक और एक सोलर जैकेट शामिल हैं। सरकार के महत्वाकांक्षी लक्ष्य में वर्ष 2022 के लिए भारत की ऊर्जा योजना शामिल है। इसमें 175 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा पैदा करना शामिल है, जिसमें सौर ऊर्जा का योगदान 100 गीगावाट का होगा।
इन्हीं लक्ष्यों के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग कुछ ऐसी अभिनव वस्तुओं का निर्माण करने के लिए प्रयासरत है, जिनमें सौर ऊर्जा का उपयोग हो और जिनसे लोग अपने दैनिक जीवन में लाभान्वित हों। कहने का तात्पर्य ये कि अभिनव वस्तुओं के विकास का उद्देश्य जीवन स्तर बेहतर करने के साथ-साथ लोगों के खर्चों में कमी लाना है।
‘सूर्यज्योति’ का वर्ष 2016 में 30 ही उपयोगकर्ता (यूजर) ही थे, जबकि अब 5000 से भी ज्यादा परिवार अपने-अपने घरों को रोशन करने के लिए ‘सूर्यज्योति’ का उपयोग कर रहे हैं और लाभान्वित हो रहे हैं। भारत सरकार ने वर्ष 2019 तक ‘सूर्यज्योति’ से 1,00,000 घरों को कवर करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
सौर ऊर्जा की मदद से सोलर जैकेट भी बनाया गया है। यह सोलर जैकेट विशेषकर दूर-दराज के क्षेत्रों में रहकर काम करने वाले रक्षा और वन कर्मियों के लिए उपयोगी होगा । इससे एक केंद्रित प्रकाश का उत्सर्जन होता है, यह ‘पहचान टैग’ को प्रकाशित करती है और खास बात ये कि इसमें मोबाइल फोन को चार्ज करने की सुविधा भी है।
देश की स्वच्छ ऊर्जा संबंधी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए ही इन अभिनव सौर ऊर्जा उपकरणों को विकसित किया गया है। इतना ही नहीं पांच सौर जल शोधक तैयार किए गए हैं जिनमें से हर मशीन प्रति दिन लगभग 400 लीटर जल को परिष्कृत करती है।
सौर ऊर्जा की महत्ता व उपयोगिता को देखते हुए और इसे और उपयोगी बनाने के लिए उपकरणों के किफायती होने पर भी विशेष बल दिया जा रहा है। अभी सोलर जैकेट, जो जीपीएस के बिना है उसकी कीमत 4000 रुपये है वहीं ‘सूर्यज्योति’ बल्ब की कीमत 1100 रुपये है। हालांकि सरकार को उम्मीद है कि जब इनका उत्पादन बढ़ जाएगा तो इनकी कीमतें घट जाएंगी।’
सूर्यज्योति – सूक्ष्म सौर गुंबद
सूक्ष्म सौर गुंबद (सूर्यज्योति) डीएसटी द्वारा विकसित किया गया एक अनूठा उपकरण है। इसके बदौलत देश के करोड़ों झुग्गी निवासियों और आदिवासियों तक रोशनी की पहुंच सुनिश्चित हो रही है।
सूक्ष्म सौर गुंबद एक ग्रामीण घर को रोशन करता हुआ
आगामी अभिनव सौर परियोजनाएं
सौर ऊर्जा पर आधारित आगामी अभिनव परियोजनाओं में सौर ऊर्जा द्वारा संचालित बॉयोमीट्रिक एटीएम भी शामिल है। इस एटीएम को ग्रामीण क्षेत्रों के लिए डिजाइन किया जा रहा है जहां साक्षरता स्तर पर्याप्त नहीं हैं। बॉयोमीट्रिक आधारित ‘बीएस-एटीएम’ का एक प्रोटोटाइप तैयार किया गया है जो उपयोगकर्ताओं (यूजर) के अनुकूल है। इस एटीएम में ऊर्जा की कम खपत होती है और यह पर्यावरण के अनुकूल भी है, क्योंकि इसे संचालित करने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग किया जाता है। भारतीय स्टेट बैंक और बंधन बैंक ने अपने दो ग्रामीण बैंकों में यह मशीन लगाने में रुचि दिखाई है।
कुल मिलाकर कहा जाए तो आने वाले दिनों में सौर उर्जा ही हमारी और आपकी ताकत बनने वाली है। लिहाजा ये वक्त की जरूरत है कि हम और आप इसकी ताकत को पहचाने और इस क्षेत्र में होने वाले नवाचारों को जाने और अपने जीवनशैली में इसका उपयोग करें। सौर ऊर्जा को अपनाने से हमारी और आपकी जिंदगी और आसान हो जाएगी।