न्यू इंडिया के विकास से पूरे विश्व में आएगी समृद्धि : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

Team MyGov
February 26, 2018

भारत का विकास, पूरे विश्व के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। पिछले तीन-चार वर्षों में भारत ने अपने साथ-साथ पूरी दुनिया की आर्थिक प्रगति को मजबूती दी है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2013 के अंत में भारत का विश्व की जीडीपी में योगदान  2.4 प्रतिशत था जो कि 4 वर्षों में बढ़कर 3.1 प्रतिशत हो गया है। चार साल पहले जो दुनिया भारत की अर्थव्यवस्था को Fragile Five में मानकर हमें संदेह की दृष्टि से देखती थी। आज वही भारत के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य की चर्चा करती है। अब दुनिया भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहती है।

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने  इकनोमिक टाइम्स समिट 2018 को संबोधित करते हुए बताया कि आईएमएफ की डेटा के मुताबिक विश्व अर्थव्यवस्था में  पिछले 4 वर्षों में जो वृद्धि हुई है, उसमें 21 प्रतिशत भारत में हुई वृद्धि के कारण हुआ है। यानी एक देश जिसके पास विश्व की जीडीपी का केवल 3 प्रतिशत हिस्सा है, वो विश्व अर्थव्यवस्था के विकास में 7 गुना ज्यादा योगदान कर रहा है।

चाहे मुद्रा स्फीति हो या चालू खाता घाटा, वित्तीय घाटा हो या जीडीपी विकास दर या एफडीआई, हर पारामीटर में भारत बेहतरीन प्रदर्शन कर रहा है। पहले साढ़े-तीन वर्षों में देश के चालू खाता घाटा को  4 प्रतिशत से कम कर औसतन एक प्रतिशत पर लाने में सरकार को सफलता मिली है। पहले की सरकार के समय जो वित्तीय घाटा 4.5 प्रतिशत के आसपास था उसे मौजूदा सरकार कम करके 3.5 प्रतिशत तक ले आई है। साथ ही पिछले तीन सालों में देश में लगभग 209 बिलियन डॉलर का एफडीआई आया है। जबकि पिछली सरकार के तीन साल में 117 बिलियन डॉलर का एफडीआई आया था। आज देश में विदेशी मुद्रा का भंडार लगभग 300 बिलियन डॉलर से बढ़कर 419 बिलियन डॉलर के स्तर पर पहुँच गया है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि देश में ये बदलाव एक नए  कार्य संस्कृति  की वजह से आ रहा है और देश अपने सामर्थ्य, अपने संसाधन पर भरोसा करके न्यू इंडिया के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। UNCTAD की वर्ल्ड इनवेस्टमेंट रिपोर्ट के मुताबिक भारत निवेश के लिए दुनिया के पसंदीदा देशों में से एक है। दुनिया की तेजी से उभरती टॉप तीन अर्थव्यवस्थाओं में भारत का भी नाम है। विश्व  बैंक की ईज़ ऑफ़ डूइंग की रैंकिंग में भारत ने सिर्फ तीन साल में 42 अंकों का सुधार किया है। आज देश 142 से 100वें नंबर पर पहुंच चुका है। तमाम रेटिंग एजेंसियां भी भारत की रेटिंग में सुधार कर रही हैं। अब भारत दुनिया की सबसे खुली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।

स्वतंत्रता के बाद, देश के सबसे बड़े कर सुधार (जीएसटी) ने देश को एक बेहतर कर व्यवस्था दी है। इससे कम लागत में सामानों की आवाजाही तेज हुई जिससे निर्यात में प्रतिस्पर्द्धा का माहौल बनाया है। GST के सिर्फ 7 महीनों में, 44 लाख से ज्यादा नए लोगों ने अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था से जुड़ने के लिए अप्लाई किया है। दो लाख से ज्यादा संदिग्ध कंपनियों का रजिस्ट्रेशन भी रद्द किया गया है। इन कंपनियों के डायरेक्टर्स के अकाउंट भी फ्रीज कर दिए गए हैं और इनके किसी और कंपनी में डायरेक्टर बनने पर भी रोक लगा दी गई है। इससे देश में ईमानदार बिजनेस कल्चर को बढ़ावा मिला है।

आज देश में इंफ्रास्ट्रक्चर, कृषि, स्वास्थ्य ,शिक्षा पर जितना निवेश किया जा रहा है, उतना पहले कभी नहीं किया गया। मिशन इंद्रधनुष की वजह से देश में टीकाकरण का दायरा बढ़ने की रफ्तार 6 गुना बढ़ी है। तीन हजार से ज्यादा जनऔषधि स्टोर्स पर 800 से ज्यादा दवाइयों को कम कीमत पर दिया जा रहा है। हमारी सरकार ने स्टेंट की कीमत 80 प्रतिशत तक कम की है। घुटने प्रत्यारोपन की कीमत को नियंत्रित किया है। इस बजट में हमने देश के 10 करोड़ गरीब परिवारों को लाभ पहुंचाने वाली हेल्थ एश्योरेंस स्कीम-आयुष्मान भारत का ऐलान किया है। इसके तहत हर गरीब परिवार को गंभीर बीमारी के इलाज के लिए साल भर में 5 लाख रुपए तक का हेल्थ एश्योरेंस दिया जाएगा।

मौजूदा सरकार की नीतियां, नियुक्तियां, निर्णय, नीयत, नियम, सभी का एक ही लक्ष्य है- देश का विकास, देश के गरीबों का विकास। सबका साथ-सबका विकास के मंत्र पर चलते हुए सरकार गरीबों के  करने का काम कर रहे हैं। देश में बीते तीन साल में गरीबों और निम्न मध्यम वर्ग के लिए लगभग एक करोड़ घरों का निर्माण किया गया है। 4 करोड़ घरों को बिजली से रोशन करने के लिए सौभाग्य योजना शुरू की गई है। उज्जवला योजना के तहत 3 करोड़ 40 लाख महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया गया है।  पिछले तीन साढ़े तीन साल में जनधन योजना के तहत देश में 31 करोड़ से ज्यादा गरीबों के बैंक अकाउंट खुले हैं। सिर्फ अकाउंट ही नहीं खुले, इनमें आज लगभग 75 हजार करोड़ रुपए जमा हैं। इस दौरान सरकार ने 6 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनवाए हैं। देश में ग्रामीण स्वच्छता का दायरा, 2014 के लगभग 40 प्रतिशत से बढ़कर अब 78 प्रतिशत से ज्यादा हो गया है। अब तक 11 करोड़ से ज्यादा सॉयल हेल्थ कार्ड बांटे गए हैं। 20 लाख हेक्टेयर से ज्यादा जमीन को सूक्ष्म सिंचाई के दायरे में लाया गया है।

देश के समग्र विकास के लिए मौजूदा सरकार नए प्रयासों को देश के सबसे निचले स्तर तक के लोगों तक तेजी और प्रभावी तरीके से पहुँचाने का काम कर रही है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के तहत पहले सिर्फ 28 योजनाओं की राशि बैंक में सीधे ट्रांसफर की जाती थी, अब 400 से ज्यादा योजनाएं डीबीटी से जुड़ गई हैं। डीबीटी के जरिए सरकार ने 57 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा गलत हाथों में जाने से बचाए हैं।

मुद्रा योजना के तहत 11 करोड़ लोन दिए गए हैं। इसके तहत साढ़े 4 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि बिना बैंक गारंटी देश के नौजवानों को, महिलाओं को दी गई है। इस योजना से देश को लगभग तीन करोड़ नए उद्यमी मिले हैं। 2014 से पहले हमारे देश में जहां सिर्फ 3 मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियां थीं, वहीं अब इनकी संख्या बढ़कर 120 के आसपास पहुंच गई है। इसी का परिणाम है कि जहां साल 2014-15 में देश में 50 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के मोबाइल का आयात किया जाता था, वहीं अब ये घटकर आधा रह गया है।

भारत का आर्थिक विकास, भारत में गुड गवर्नेंस के निरंतर प्रयास, भारत में वैश्विक मानदंडों को पाने वाली नीतियां और कार्यक्रम, विश्व के साथ आर्थिक और व्यापारिक भागीदारी के संबंध में व्यापक सहमति के प्रयास, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में इनोवेशन पूरी दुनिया को भारत की ओर आकर्षित कर रही हैं। जल्द ही इनोवेशन और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत दुनिया का नेतृत्व कर सकने में सक्षम हो सकेगा। हम में वो सामर्थ्य है, हमारे पास वो संसाधन हैं, कि हम न्यू इंडिया के इस सपने को साकार कर सकते हैं और यह सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में समृद्धि लेकर आएगा।