पीएम मोदी स्वच्छाग्रहियों को देंगे स्वच्छता का मंत्र, स्वच्छता अभियान को बापू के चंपारण से मिलेगी नई ऊर्जा
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी चंपारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह के समापन पर 10 अप्रैल, 2018 को चंपारण में “सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह” कार्यक्रम के जरिए देश भर में फैले चार लाख स्वच्छाग्रहियों को स्वच्छता का मंत्र देंगे। उम्मीद है कि प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान को चंपारण से एक नई ऊर्जा मिलेगी।
15 अप्रैल 1917 को ही मोहनदास करमचंद गांधी, स्थानीय किसान राजकुमार शुक्ल के साथ ट्रेन से मोतिहारी पहुंचे थे। वहां उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ सत्याग्रह का ऐलान किया था। नील की खेती के नाम पर अंग्रेजों द्वारा किसानों के शोषण के खिलाफ यहां गांधी जी के नेतृत्व में 1917 में सत्याग्रह आंदोलन चला था। इस सत्याग्रह में निहत्थे किसानों ने अंग्रेजी साम्राज्यवाद को खुली चुनौती दी थी। गांधी जी का चंपारण सत्याग्रह सफल हुआ था और अंग्रेजों को स्थानीय नील के किसानों के आगे घुटने टेकने पड़े थे। इस घटना के सौ साल पूरा होने के उपलक्ष्य में एक साल पहले, 15 अप्रैल, 2017 को चंपारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह की शुरुआत हुई थी। चंपारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह को केन्द्र सरकार सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह के रूप में मना रही है और देश भर से हजारों स्वच्छाग्राहियों को चंपारण में एकत्र किया जा रहा है ताकि गांधी जी के सत्याग्रह आंदोलन की तर्ज पर स्वच्छाग्रह को देश भर में चलाया जाए।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी बिहार के चंपारण से 10 अप्रैल को “खुले में शौच से मुक्ति” के लिए काम करने वाले चार लाख “स्वच्छाग्रही” कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। इनमें से 20 हजार “स्वच्छाग्रही” इस कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे जबकि अन्य “स्वच्छाग्रही” देश के विभिन्न हिस्सों से सोशल मीडिया तथा अन्य इलेक्ट्रानिक माध्यमों से इससे जुड़ेंगे। स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत के समय अक्तूबर 2014 में ग्रामीण इलाकों में खुले में शौच करने वालों की संख्या 55 करोड़ थी जो अब घटकर 20 करोड़ रह गई है। इस दौरान स्वच्छता का दायरा 38.7 प्रतिशत से बढ़कर 80.53 प्रतिशत पर पहुंच चुका है। यह एक जनआंदोलन का रूप ले चुका है। अब तक देश के तीन लाख 44 हजार गांव, 360 जिले, 15 राज्य और तीन केन्द्रशासित प्रदेश खुले में शौच से पूरी तरह मुक्त हो चुके हैं। उम्मीद है कि 2 अक्तूबर 2019 तक खुले में शौच से शत प्रतिशत मुक्ति का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा। तीन अप्रैल से नौ अप्रैल तक बिहार के 10 हजार और अन्य राज्यों के 10 हजार स्वच्छाग्रही बिहार में लोगों को घरों में शौचालय बनाने के लिए प्रेरित करेंगे।
राधा मोहन सिंह
कृषि और किसान कल्याण मंत्री
भारत सरकार