भारत और बांग्लादेश- संबंधों को मजबूत बनाना
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, बांग्लादेश के प्रधान मंत्री शेख हसीना और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में दोनों देशों के बीच संबंधों की एक नई श्रृंखला की शुरूआत की गई । इन परियोजनाओं का उद्देश्य बांग्लादेश और भारत के बीच बुनियादी ढांचे को मजबूत करना और गहन संबंध बनाना है।
इन परियोजनाओं में सबसे अधिक महत्वपूर्ण कोलकाता और खुलना के बीच बंधन एक्सप्रेस का शुभारंभ है। अन्य परियोजनाओं में दूसरा भैरब और तीतास रेलवे ब्रिज के साथ साथ कोलकाता के चित्तपुर में अंतर्राष्ट्रीय रेल यात्री टर्मिनेस का शामिल होना हैं।
ढाका और कोलकाता के बीच दोनों रेलवे पुलों को एक भारतीय लाइन क्रेडिट के साथ बनाया गया है यात्रियों के लिए एंड टू एंड इमीग्रेशन व कस्टम जांच की योजना का भी शुभारंभ कर दिया गया। ढाका और कोलकाता के बीच इमिग्रेशन की सुविधा समाप्त करने का अंत है.. दोनों पुल ढाका और दक्षिण-पूर्व चटगांव और पूर्वोत्तर सीलाहेल के बीच रेलवे सेवाओं के साथ-साथ एक साथ आपरेशन के लिए सक्षम होगा।
984 मीटर लंबा और सात मीटर चौड़ा भैरब रेलवे पुल का निर्माण 567 करोड़ रूपये की लागत से किया गया था और 218 मीटर लंबा और 70 मीटर चौड़ा नया तीतास पुल 161 करोड़ रूपये की लागत से बनाया गया है। दोनों पुलों को भारतीय कंपनियों द्वारा बनाया गया है।
कनेक्टिविटी की इन परियोजनाओं से पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को मजबूत करना है… संबंधों के बेहतरी के लिए भारत द्वारा उठाए गए एक और कदम हैं। प्रधान मंत्री ने हमेशा संबंधों को गहरा करने और ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र को व्यापक रूप से लागू करने के लिए उपाय किए हैं।