जन-जन से जुडऩे का माध्यम बना : ‘मन की बात’

Team MyGov
April 28, 2023

भारत 2023 के मध्य तक चीन को पीछे छोड़कर दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बनने की ओर अग्रसर है, लेकिन आकार और जनसंख्या की विशालता ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मासिक ‘मन की बात’ को देश के हर नुक्कड़ और कोने में कानों में गूंजने से कभी नहीं रोका।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर महीने लाखों नागरिकों तक पहुंचने वाले रेडियो कार्यक्रम  ‘मन की बात’ के 100वें एपिसोड का प्रसारण अप्रैल में होगा। अपने विचारों को बहने दो’ वाक्यांश के साथ जागरूकता और कई लोगों को प्रेरित करने वाले शब्दों से भरी ‘मन की बात’ की ऐतिहासिक यात्रा 30 अप्रैल को एक महत्वपूर्ण पड़ाव पर पहुंच जाएगी।

प्रत्येक नागरिक से जुडऩे के लिए प्रधानमंत्री  मोदी ने अपनी तरह का पहला रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ शुरू किया जो आज भी निॢवघ्न जारी है। यह एक बेहद अचंभित करने वाला विचार है कि कैसे दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाले देश के पी.एम. ने रेडियो कार्यक्रम के माध्यम से हर नागरिक तक पहुंचने का प्रयास किया जिसके द्वारा पी.एम. मोदी न केवल राष्ट्र को संबोधित करते हैं, बल्कि नागरिकों को शासन का हिस्सा बनने और उन्हें अपने विचारों और सुझावों को सांझा करने का अवसर भी देते हैं। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पी.एम. और नागरिकों के बीच सीधा संबंध बनाना और दिन-प्रतिदिन के शासन के मुद्दों पर बातचीत शुरू करना है।

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय महत्व से संबंधित विचारों पर संबोधित करते हैं। इसकी सफलता इस तथ्य से स्पष्ट है कि कार्यक्रम ने अपने शुरूआती एपिसोड में केवल अपनी वैबसाइट के माध्यम से 61000 से अधिक लोगों के विचार प्राप्त किए।

रेडियो माध्यम क्यों? : भले ही इस कार्यक्रम ने एक लम्बा सफर तय किया है, लेकिन कई लोग अभी भी इस बात से हैरान हैं कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने मन की बात के लिए रेडियो को एक माध्यम के रूप में क्यों चुना है। इसका कारण यह है कि रेडियो की व्यापक पहुंच है और यह दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंचता है। रेडियो लगभग 90 से अधिक वर्षों से भारतीय घरों का हिस्सा बना हुआ है और यह बात भुलाई नहीं जा सकती कि 1920 के बाद मानव जीवन में रेडियो ने एक क्रांति लाई थी।

नीति प्रचार और प्रभाव : कटक के चाय बेचने वाले डी.प्रकाश राव हों या बिहार की महिला उद्यमी साधना देवी, हम सभी ने ऐसे किस्से सुने हैं कि कैसे पी.एम. मोदी के मन की बात के बाद अलग-अलग राज्यों में कई लोगों की जिंदगी बदल गई। एक रेडियो कार्यक्रम जो संभावित रूप से देश के हर कोने पर रहने वाले अंतिम नागरिकों तक पहुंचता है, सरकार की नीतियों के प्रभावी ढंग से प्रचार के माध्यम से एक सामाजिक परिवर्तन लाने की क्षमता रखता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश भर में कई सामाजिक परिवर्तनों का नेतृत्व करने के लिए मन की बात के माध्यम से एक तंत्र स्थापित करने में सफल रहे हैं। इनमें से कुछ खास बदलाव हैं-स्वच्छता, स्वयंसेवा, संरक्षण,  फिट इंडिया और महिला सशक्तिकरण। हर महीने नागरिक अपने विचारों और सुझावों को पी.एम. नरेंद्र मोदी के साथ उनके रेडियो कार्यक्रम मन की बात के द्वारा सांझा करते हैं।

टीकाकरण अभियान में भूमिका : मन की बात ने कोविड-19 टीकाकरण के महत्व का प्रचार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र  मोदी ने देश के ग्रामीण क्षेत्रों और उन क्षेत्रों में अपना संदेश पहुंचाया जहां पर नैट कनैक्टिविटी नहीं थी। यह मुझे मीडिया द्वारा व्यापक रूप से सांझा की गई एक घटना की याद दिलाता है जब मध्य प्रदेश में एक व्यक्ति ने पी.एम. नरेंद्र मोदी द्वारा प्रोत्साहित करने के बाद खुद को और अपने परिवार को कोविड -19 का टीका लगवाया था। मैं मन की बात कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद करता हूं कि इसके माध्यम से उन्होंने न सिर्फ भारतीयों बल्कि दुनिया को कविड -19 जैसी महामारी से लडऩे के लिए प्रेरित किया।

रेडियो जीवन को उज्ज्वल करता रहे : मोदी जी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम ने हमें फिर से प्रौद्योगिकी के इस युग में रेडियो की भूमिका और पहुंच का महत्व समझाया है। रेडियो के महत्व को स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी में विश्व रेडियो दिवस पर श्रोताओं को बधाई देते हुए कहा था ‘रेडियो अभिनव कार्यक्रमों के माध्यम से जीवन को उज्ज्वल करता रहे।

लेखक: सतनाम सिंह संधू