हिमाचल में मुख्यमंत्री एक बीघा योजना ग्रामीण क्षेत्रों में खोलेगी स्वरोजगार के नए द्वार

22 May 2020

मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने 21 मई, 2020 को हिमाचल में अभिनव और महत्वाकांक्षी योजना ‘‘मुख्यमंत्री एक बीघा योजना’’ का शुभारम्भ किया। इस योजना में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को जोड़कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की परिकल्पना की गई है। इस योजना के तहत एक महिला या उसका परिवार जिनके पास एक बीघा (या 0.4 हेक्टेयर) तक की भूमि है, वह सब्जियों और फलों को उगाने के लिए बैकयार्ड किचन गार्डन तैयार कर सकते हैं।

योजना में शामिल होंगी 1.50 लाख महिलाएं

मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने कहा कि इस योजना में 5,000 स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से लगभग 1.50 लाख महिलाएं शामिल होंगी। इस योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी महिला को मनरेगा के तहत रोजगार पाने का अधिकार होगा। इसके अलावा महिलाओं के कौशल को बढ़ाने के लिए उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा तथा पहाड़ी भूमि को समतल करने, पानी को चैनेलाइज करने, वर्मी कम्पोस्ट पिट स्थापित करने और पौधे और बीज खरीदने के लिए अनुदान दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी ने योजनाकारों को विकासात्मक योजनाओं के बारे में पुनर्विचार करने के लिए मजबूर किया है, ताकि विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित किया जा सके। इस उद्देश्य के साथ सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों के पुनरूत्थान के लिए ‘‘मुख्यमंत्री एक बीघा योजना’’ आरम्भ की है।

शुरूआती दौर में योजना से जुड़ेंगे 5000 परिवार

आरंभ में ‘‘मुख्यमंत्री एक बीघा योजना’’ के तहत लगभग पांच हजार परिवार शामिल किए जाएंगे। संबंधित पंचायतें, प्रस्ताव प्राप्त करने के बाद उनको मनरेगा शैल्फ में शामिल करने के लिए खंड विकास अधिकारी को भेजेंगी। इस योजना का उद्देश्य मनरेगा और स्वच्छ भारत मिशन का अभिसरण कर ग्रामीणों को किचन गार्डनिंग के लिए प्रोत्साहित करना है। स्वयं सहायता समूहों को इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। सभी स्वयं सहायता समूह जो जाॅब कार्ड धारक हैं, वह इस योजना के तहत एक लाख रुपए का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना के तहत लगभग 1.50 लाख महिला सदस्य लाभान्वित होंगी। इस योजना के तहत पात्र महिलाएं 40,000 रुपये का अनुदान पाने की हकदार होंगी और कंकरीट वर्मी कम्पोस्ट पिट बनाने के लिए 10,000 रुपये तक अनुदान दिया जाएगा।

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