पालमपुर के इंस्टीच्यूट ऑफ हिमालयन बॉयोरिसोर्स टेक्नोलॉजी(आईएचबीटी) में भारत का पहला वातावरण निगरानी स्टेशन की स्थापना

21 Jul 2017

सीआईएसआईआर-नेशनल फिजिकल लेबोरेटरी (एनपीएल) ने एक और ऐतिहासिक तोहफा में राष्ट्र को दिया है। हिमाचल प्रदेश के पालमपुर  में हिमालयी बायोरिसोर्स टेक्नोलॉजी संस्थान (आईएचबीटी) की इंस्टीट्यूट ऑफ प्रिस्टीन एयर-क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन हे। आईएचबीटी के परिसर में अपने आप में  अनोखा और  सबसे पहला वायुमंडलीय निगरानी स्टेशन  बनाया गया है,। इसे  एनपीएल द्वारा 1391 मीटर की ऊंचाई पर वायुमंडलीय ट्रेस और गुणों के आधार पर डेटा को इकठ्ठा करने के लिए स्थापित किया गया है ताकि प्रदूषित वातावरण का पता लगाया जा सके और उसे बेहतर किया जा सके । या फिर  कहें  कि जो डाटा इकठ्ठा होगा उसे और बेहतर तरीके से संदर्भित किया जा सके।  इस स्टेशन पर एनपीएल ने राज्य के अत्याधुनिक वायु निगरानी प्रणाली, ग्रीनहाउस गैस मापन प्रणाली और रमन लिडर को स्थापित किया है।CO, NO, NO2, NH3, SO2, O3, PM, HC & BC के अतिरिक्त CO2 और CH4 के अलावा कई मापदंडों को इस स्टेशन पर निगरानी के लिए रखा जा रहा है या फिर कहें तो की जा रही है,। इतना ही नहीं  मौसम के मापदंडों के मापने  के लिए मौसम स्टेशन (एडब्ल्यूएस) से भी इसे लैस किया गया  है।

इस स्टेशन को  एनपीएल के निदेशक डॉ डी.के. असवाल और आईएचबीटी के निदेशक डॉ संजय कुमार ने राष्ट्र को समर्पित किया है। वैज्ञानिकों ने वायुमंडलीय विज्ञानों में गुणवत्ता के माप को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया है  साथ ही इन लोगों का कहना था कि  ये स्टेशन  सामाजिक वस्तुओं के लिए उचित नीति उपायों के विकास में मदद करेगा। डॉ असवाल ने इस मौके पर कहा कि  वायुमंडलीय निगरानी करने वाली सभी एजेंसियों के बीच सहक्रियाओं और बातचीत के विकास की आवश्यकता पर जोर दिया। वहीं डॉ संजय कुमार ने अपने उद्घाटन भाषण में  कहा  कि जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण के आज जरूरत है कि  पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित किया जाए और उसे बेहतर किया जाए…डॉ कुमार ने पारिस्थितिकी तंत्र  स्थापित  करने की आवश्यकता का उल्लेख किया।  सीएसआईआर-एनपीएल और सीएसआईआर-आईएचबीटी के बीच सहयोग  से इस आधुनिक निगरानी सुविधा प्रणाली की स्थापना को हर किसी ने सराहा । अब एक तरह से ये स्टेसन  संदर्भ स्टेशन के रूप में काम करेगा।एनपीएल ने सीएसआईआर के बारहवीं पंचवर्षीय योजना परियोजना के लक्ष्यों के मुताबिक और  IGPHim  के दृष्टिकोण और उद्देश्यों को प्रदान किया जिसके तहत यह सुविधा स्थापित की गई है।  और यही वजह है कि  उनके इस बेहतरीन योगदान के लिए एनपीएल और आईएचबीटी के सहयोगियों को धन्यवाद दिया  गया है। वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) ने अपने 12 वीं पंचवर्षीय योजना परियोजनाओं के तहत इस परियोजना को वित्त पोषित किया है।

भारत में, वायु गुणवत्ता और इनके मानकों को ज्यादातर औद्योगिक और आवासीय क्षेत्रों में मापा जाता है, हालांकि पहले के  वातावरण में हवा की गुणवत्ता के लिए डेटा उपलब्ध नहीं है। एनपीएल का स्टेशन इस महत्वपूर्ण कमी को दूर  करने का प्रयास करेगा। एनपीएल का स्टेशन भारत में निगरानी के आंकड़ों की गुणवत्ता में सुधार के लिए भारत में उपयोग किए जाने वाले वायु गुणवत्ता निगरानी उपकरणों के अंतर-तुलना के लिए बेस स्टेशन के रूप में भी काम करेगा। चूंकि वायुमंडलीय प्रदूषण के मुद्दों ने सामाजिक चिंताओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा ग्रहण किया है लिहाजा  वायुमंडलीय निगरानी की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण  है ताकि वायु प्रदूषण को कम करने के साथ उनकी प्रभावशीलता के लिए ध्वनि वैज्ञानिकों के आंकड़ों के आधार पर उपयुक्त नीतियां तैयार हो सकें।

देश के विभिन्न शहरों में पृष्ठभूमि डेटा के रूप में प्रदूषण मापने के लिए   पालमपुर की प्रतिष्ठित सीएएक्यू CAAQMS (Continuous Ambient Air Quality Monitoring System- सतत परिवेश वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली) स्टेशन द्वारा जनरेट कर डेटा लिया जाएगा…कहने का तात्पर्य ये कि  देश के विभिन्न शहरों में मापा प्रदूषण के लिए पालमपुर पृष्ठभूमि डेटा के रूप में कार्य करेगा। उत्पन्न पृष्ठभूमि डेटा को देश में अलग-अलग प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों और एजेंसियों के साथ साझा किया जाएगा ताकि मानक मानकों के लिए अधिक सटीक प्रदूषण मैपिंग किया जा सके, ताकि हमें वायु प्रदूषण को कम करने के लिए  और नीतिगत फैसलों की सहायता में मददगार साबित हो सके ।

(ये फ़ीचर सीएसआईआर (विज्ञान प्रसार के लिए यूनिट), विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा अपलोड किया गया है)

अपनी टिप्पणियां दें

कुल टिप्पणियां - 0

Leave a Reply