माननीय प्रधानमंत्री के द्वारा डिज़िटल लॉकर का लोकार्पण १ जुलाई २०१५ को होना तय
अपना पैन कार्ड, पासपोर्ट, मार्कशीट और डिग्री सर्टिफिकेट जैसे सभी महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट आप कैसे स्टोर करते हैं? निश्चित तौर पर इन्हें किसी फ़ोल्डर में फ़िज़िकल फ़ॉर्मेट में रखते होंगे। इन दस्तावेज़ों और कागज़ी नक़ल को हम बतौर पहचान और पता के प्रमाण दूसरे एजेंसी से साझा करते हैं। इन फ़िज़िकल डॉक्यूमेंट को रखना न केवल आपके लिए बल्कि इन सभी एजेंसियों के लिए भी मुश्किल भरा काम होता है। इसके अलावे, इन डॉक्यूमेंट की मौलिकता को साबित करना भी इन एजेंसियों के लिए परेशानी का सबब होता है। और कभी आपने सोचा है कि आग लगने या चोरी होने की स्थिति में इन डॉक्यूमेंट का क्या होगा? इसलिए, इन डॉक्यूमेंट के जारीकर्ताओं, आम नागरिकों और यूज़र एजेंसियों को एक प्लेटफ़ॉर्म पर लाना बहुत जरूरी है।
इन सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए, संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के द्वारा भारत सरकार ने डिज़िटल लॉकर नामक प्लेटफ़ॉर्म बनाया है। इस एप्लीकेशन का बीटा संस्करण १० फ़रबरी २०१५ को जारी हुआ था।
डिज़िटल लॉकर का लोकार्पण ०१ जुलाई २०१५ को प्रधानमंत्री करेंगे।
डिज़िटल लॉकर क्या है?
डिज़िटल लॉकर डिज़िटल इंडिया प्रोग्राम के अंतर्गत एक मुख्य पहल है। इसका लक्ष्य है – फिज़िकल डॉक्यूमेंट के उपयोग को समाप्त करना और विभिन्न एजेंसियों के बीच जाँचे गए इलेक्ट्रानिक डॉक्यूमेंट की शेयरिंग। नागरिकों को आधार नंबर से जुड़ा डिज़िटल लॉकर क्लाउड में निजी स्टोरेज स्पेस उपलब्ध कराता है। डिज़िटल लॉकर पर रजिस्टर हुए विभिन्न एजेंसियों को यह डिज़िटल लॉकर के माध्यम से नागरिकों को सीधे इलेक्ट्रॉनिक फ़ॉर्मेट में प्रमाणपत्र जारी करने में सक्षम करता है। नागरिक भी डिज़िटल लॉकर में पुराने डॉक्यूमेंट की स्कैन की हुई कॉपी को अपलोड और स्टोर कर सकते हैं। वे ई-साइन सुविधा के द्वारा अपने अपलोड किए डॉक्यूमेंट को डिज़िटली साइन कर सकते हैं। कोई भी नागरिक डिज़िटल लॉकर पर रजिस्टर करके अपने इलेक्ट्रॉनिक प्रमाणपत्र को ऑनलाइन दूसरे विभागों और एजेंसियों के बीच उनके द्वारा दी जा रही सेवाओं के लिए आवेदन करने के दौरान साझा कर सकते हैं जो डिज़िटल लॉकर पर रजिस्टर हैं। इस प्रकार, डिज़िटल लॉकर नागरिक, जारीकर्ता (इश्यूयर) और आवेदक (रिक्वेस्टर) सभी को एक प्लेटफ़ॉर्म पर लाता है।
डिज़िटल लॉकर के मुख्य फ़ायदें क्या हैं?
डिज़िटल लॉकर एजेंसियों के द्वारा जारी डॉक्यूमेंट में सिक्योर एक्सेस यानी सुरक्षित पहुँच देता है। यह आधार के द्वारा जारी सत्यापन सर्विस का उपयोग करता है। डिज़िटल लॉकर इलेक्ट्रॉनिक डॉक्यूमेंट के उपयोग से फिज़िकल डॉक्यूमेंट के उपयोग को न्यूनतम करेगा। इन डॉक्यूमेंट की वैधता की जाँच आसान है क्योंकि वे सीधे रजिस्टर्ड इश्यूयर के द्वारा जारी किए जाएँगे। सुरक्षा और प्रामाणिकता पक्का करते हुए डिज़िटल लॉकर कागज की कम ख़पत के चलते एजेंसियों के खर्च में भी कटौती करने में मददगार होता है। साथ ही, डिज़िटल लॉकर कम समय और कम मेहनत में काम करने में आम नागरिकों की मदद करेगा क्योंकि उनके डॉक्यूमेंट अब कभी भी कहीं भी मौज़ूद रहेंगे और इलेक्ट्रॉनिक तरीके से साझा किए जाएँगे।
डिज़िटल लॉकर के लिए साइन अप कैसे करें?
अपने डिज़िटल लॉकर के लिए साइन अप करने के लिए आपको आधार नंबर और आधार नंबर से जुड़ा मोबाइल नंबर चाहिए होगा। साइन-अप करने के आसान तरीके ये रहे –
- डिज़िटल लॉकर के लिए साइन अप पेज पर जाएँ।
- आधार संख्या बॉक्स में अपना आधार संख्या डालें और OTP का उपयोग करें बटन पर क्लिक करें।
- वन टाइन पिन (OTP) SMS के द्वारा आपको भेजा जाएगा।
- इस OPT को OTP बॉक्स में डालें और OTP सत्यापित करें बटन पर क्लिक करें।
- एप्लीकेशन फिर आपको यूजरनेम और पासवर्ड बनाने के लिए आपसे कहेगा। इन विवरणों को दर्ज करें और फिर दर्ज करें बटन पर क्लिक करें।
- सफल रजिस्ट्रेशन की स्थिति में आप मेरे प्रमाणपत्र पेज देख पाएँगे। बस आपका साइन-अप पूरा हो गया!
इसलिए यदि आपने अभी तक साइन अप नहीं किया है, आप अपना डिज़िटल लॉकर बनाने के लिए आज ही यहाँ क्लिक करें!
डिज़िटल लॉकर के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया डिज़िटल लॉकर के संसाधन पेज पर जाएँ।
डिज़िटल लॉकर के बीटा रिलीज के मौके पर जारी ब्लॉग को देखने के लिए यहाँ क्लिक करें।.