एफडीआई के जरिए आर्थिक विकास को बढ़ावा
सरकार ने अपनी एफडीआई नीति को उदार बना कर निवेशकों के लिए “रेड टेप की जगह रेड कार्पेट” को बढ़ावा देकर प्रधानमंत्री के वायदे को पूरा किया है। मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही सरकार लगातार विभिन्न क्षेत्रों के लिए एफडीआई नीति को उदार बनाने का प्रयास करती रही है जिसके बेहद उत्साहजनक परिणाम देखने को मिल रहे हैं।
गौरतलब है कि मौजूदा एफडीआई नीति को और उदार बनाते हुए सिंगल ब्रांड रिटेल कारोबार के लिए स्वत: मंजूरी मार्ग से 100% एफडीआई को सरकार ने मंजूरी दे दी है। स्वत: मंजूरी मार्ग के तहत 100% एफडीआई को मंजूरी दिए जाने से भारत में व्यापार करना और अधिक आसान होगा। यह कंपनियों को मंजूरी प्राप्त करने के कई कागजी कार्रवाईयों से बचाएगा जिसमें कई महीने लग जाते थे। इसके साथ ही सरकार ने पहले पांच वर्षों के लिए स्थानीय सोर्सिंग के नियमों में भी ढ़ील दी है ताकि रिटेल आउटलेट सुचारू रूप से कार्य कर सकें। इससे उद्योग के भीतर स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा।
एयर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया को आसान बनाने की दिशा में भी कैबिनेट ने एक फैसला लिया है जिसके तहत सरकारी मंजूरी मार्ग के जरिए विदेशी एयरलाइन को 49% तक निवेश करने की मंजूरी दी जा सकेगी। उम्मीद है कि इस फैसले से एयर इंडिया का कायापलट करने के लिए आवश्यक वित्त और प्रोफेशनल विशेषज्ञता जुटाई जा सकेंगी।
एक अन्य महत्वपूर्ण फैसला के तहत यह स्पष्ट किया गया कि रियल एस्टेट ब्रोकिंग सेवा का वास्ता रियल एस्टेट व्यवसाय से नहीं है, इसलिए इसमें स्वत: रूट के तहत 100 प्रतिशत एफडीआई संभव है। इस कदम से अंतरराष्ट्रीय ब्रोकरेज कंपनियाँ अपनी सहायक कंपनियों की स्थापना कर सकेंगी। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और संपत्ति के खरीदारों को पेशेवर सेवाएं मिल सकेंगी।
एफडीआई आर्थिक विकास का महत्वपूर्ण वाहक है और अर्थव्यवस्था के लिए एक गैर-ऋण वित्त का स्रोत भी। इन सुधारों से निवेश के लिए सबसे आकर्षक देश के रूप में भारत तेजी से उभरेगा और साथ ही देश में आय तथा रोजगार में वृद्धि होगी।