प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सफलता के शिखर पर न्यू इंडिया

Team MyGov
April 6, 2018

सबका साथ-सबका विकास की नीति के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनवरत प्रयास से देश विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर है और भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है। विश्व बैंक ने भी भारत के आर्थिक संकेतकों को बेहतर माना है।
केंद्र सरकार ने जहां गरीबों के हित का ध्यान रखा है, वहीं व्यापारी वर्ग की तमाम परेशानियों को भी दूर किया है।‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ नीति के जरिए देश में कारोबार को गति देने की पहल के परिणामस्वरुप देश की अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर लगातार अच्छी खबर मिल रही है। औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि दर जनवरी 2018 में बढ़कर 7.5 प्रतिशत पहुंच गयी है। जनवरी, 2018 में औद्योगिक उत्‍पादन सूचकांक (आईआईपी) 132.3 अंक रहा, जो जनवरी, 2017 के मुकाबले 7.5 फीसदी ज्यादा है। इतना ही नहीं पिछले कुछ महीनों में देश के विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादन में अप्रत्याशित वृद्धि हुई। जिनमें से कुछ प्रमुख इस प्रकार है:
भारत विश्व में चौथा सबसे बड़ा ऑटो बाजार
उद्यमिता को बढ़ावा दिए जाने से देश के युवाओं की बढ़ती आय और  पूरे देश में एक कर व्यवस्था-जीएसटी के लागू होने से मध्यम वर्ग की बचत में बढ़ोतरी के परिणामस्वरूप युवा भारत में वाहनों  की  मांग में  लगातार  वृद्धि हो रही है।
पिछले कुछ वर्षों में भारत के वाहन उद्योग का तीव्र विकास हुआ है। हाल ही में जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाजार बन गया है। देश में यात्री और व्यवसायिक वाहनों की बिक्री में 9.5 फीसदी का इजाफा हुआ है। बीते साल भारत में 40 लाख से ज्यादा वाहनों की बिक्री हुर्इ।
मेक इन इंडिया को बढ़ावा: भारत बना विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता
इज ऑफ डूइंग बिजनेस के जरिए मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के प्रयासों ने अब असर दिखाना शुरू कर दिया  है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल से शुरू हुई नई व्यवस्था निवेश जुटाने, इनोवेशन को बढ़ावा देने, कौशल विकास, आईपी संरक्षण और बेहतरीन विनिर्माण सुविधाओं के निर्माण में मददगार है। देश में समुचित कारोबारी माहौल होने के परिणामस्वरूप भारत में मोबाइल फोन के वार्षिक उत्पादन 2014 में 30 लाख यूनिट से बढ़कर 2017 में 1.1 करोड़  यूनिट हो गया है। इसके साथ ही वियतनाम को पछाड़कर भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता बन गया है। फास्ट ट्रैक टास्क फोर्स (एफटीटीएफ) ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत 2019 तक मोबाइल फोन उत्पादन 50 करोड़ इकाई तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।
देश में मोबाइल फोन के निर्माण का सकारात्मक परिणाम रोजगार के क्षेत्र में भी देखने को मिला। 2014 से लेकर अब तक 4 लाख प्रत्‍यक्ष एवं अप्रत्‍यक्ष रोजगारों का सृजन हुआ, जिनमें से 2.4 लाख रोजगार वर्ष 2017 में सृजित हुए।
भारत विश्व में दूसरा सबसे बड़ा स्टील उत्पादक देश
औद्योगिक विकास व उत्पादन में तेजी लाना नरेंद्र मोदी सरकार की प्राथमिकताओं में रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई पहलों के परिणामस्वरूप भारत दुनिया में एक औद्योगिक शक्ति के रूप में उभर रहा है।
कुछ ऐसी ही खुशखबरी स्टील के क्षेत्र से भी मिली है।  स्टेनलेस स्टील के उत्पादन के मामले में जापान को पीछे छोड़ते हुए चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश बन गया है. अंतर्राष्ट्रीय स्टेनलेस स्टील फोरम (आईएसएसएफ) के मुताबिकभारत का स्टेनलेस स्टील का उत्पादन वर्ष 2016 में बढ़कर 33.2 लाख टन रहा जो वर्ष 2015 के 30 लाख टन के मुकाबले करीब 9 प्रतिशत अधिक है। आंकड़ों के मुताबिक, चीन वर्ष 2016 में विश्व के स्टेनलेस स्टील के उत्पादन के मामले में शीर्ष पर रहा।
भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा बिजली उत्पादक बना
सबको 24 घंटे स्वच्छ और सस्ती बिजली प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार अप्रैल 2019 तक हर घर को बिजली प्रदान करने की दिशा में प्रयासरत है। केंद्र सरकार के सतत प्रयास के परिणामस्वरूप भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा बिजली उत्पादक बन गया है। इंडिया ब्रैंड इक्विटी फाउंडेशन (IBEF) की एक फरवरी 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल 2017 से जनवरी 2018 तक बिजली उत्पादन 1,003.525 अरब यूनिट रहा.  सात साल पहले की तुलना में बिजली उत्पादन  2017 तक बढ़कर 34% हो गई है।
 भारत, साल 2017 और 2022 के बीच लगभग 100 गीगावॉट तक बिजली क्षमता बढ़ाने की कोशिश कर रहा है, जिसके लिए सरकार हाइड्रो, गैस और नवीनीकृत उर्जा स्रोतों से बजली बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगी। इसके अलावा भारत साल 2022 तक लगभग 60 गीगावॉट विंड एनर्जी और लगभग 100 गीगावॉट सौर ऊर्जा बनाने की योजना पर काम रहा है।
आज भारत युवाओं की उर्जा और मेहनत के बल पर एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित हो रहा है और पूरे विश्व के विकास को एक नई दिशा दे रहा है। प्रधानमंत्री ने इनोवेशन पर जोर देते हुए अक्सर कहा है कि प्रत्येक नई प्रौद्योगिकी अनेक नए अवसर पैदा करती है। वर्ल्ड बैंक ने भी अपनी एक रिपोर्ट में माना है कि भारत में सिलिकन वैली स्थापित करने की क्षमता है।